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बिहार में फरार आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पुलिस के लिए बने हुए हैं पहेली, तलाश जारी

By एस पी सिन्हा | Updated: March 31, 2023 15:12 IST

बिहार के पूर्व डीजीपी संजीव कुमार सिंघल को पटना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के नाम पर फर्जी कॉल करने और गया में अपने ऊपर दर्ज शराब कांड के केस को गलत तरीके से खत्म कराने के लिए आदित्य कुमार ने एक बड़ी साजिश रची थी। पिछले साल सितंबर-अक्टूबर से फरार चल रहे हैं आदित्य कुमार।

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ठळक मुद्देआईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार अभी तक पुलिस की पकड़ में नही आ सके हैंआदित्य कुमार अग्रिम जमानत लेने की फिराक में थे शराब कांड के केस को गलत तरीके से खत्म कराने का है आरोप

पटना: बिहार पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाये जाते रहे हैं। अपराधी तो बेखौफ है हीं, अब पुलिस के फरार आईपीएस अधिकारी भी विभाग के हत्थे नही चढ पा रहे हैं। पिछले साल सितंबर-अक्टूबर से फरार चल रहे गया के पूर्व एसएसपी व आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार अभी तक पुलिस की पकड़ में नही आ सके हैं। दरअसल, आदित्य कुमार अग्रिम जमानत लेने की फिराक में थे। इसके लिए वकील के माध्यम से पहले सिविल कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

बताया जाता है कि वरिष्ठ अधिवक्ता एसडी संजय ने उनका पक्ष कोर्ट में रखा था, लेकिन आदित्य कुमार को वहां से अग्रिम जमानत नहीं मिली। इसके बाद पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की गई। लेकिन यहां से भी आदित्य कुमार को राहत नहीं मिली। पटना हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दी। साथ ही अपने आदेश में आदित्य कुमार को अगले 4 सप्ताह के अंदर  आत्मसमर्पण कर देने का निर्देश दिया था।

हाईकोर्ट का आदेश जारी हुए आज 10 दिनों का वक्त आज गुजर चुका है। पर अब तक आदित्य कुमार ने आत्मसमर्पण नहीं किया है। आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों के अनुसार अप्रैल महीने के तीसरे सप्ताह तक वो फरार आदित्य कुमार के आत्मसमर्पण करने का इंतजार करेंगे। तब तक उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया तो फिर कोर्ट में अपील की जाएगी। उनके पटना और मेरठ की संपत्ति की कुर्की जब्ती के लिए कोर्ट से आदेश मांगा जाएगा। कोर्ट से कुर्की-जब्ती का वारंट मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। दोनों ही जगहों पर कोर्ट के आदेश पर इश्तेहार की प्रक्रिया को पहले ही पूरा किया जा चुका है।

उल्लेखनीय है कि बिहार के पूर्व डीजीपी संजीव कुमार सिंघल को पटना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के नाम पर फर्जी कॉल करने और गया में अपने ऊपर दर्ज शराब कांड के केस को गलत तरीके से खत्म कराने के लिए आदित्य कुमार ने एक बड़ी साजिश रची थी। इसी मामले में 15 अक्टूबर 2022 को पटना में आर्थिक अपराध इकाई ने आदित्य कुमार और इस साजिश में उसका साथ देने वाले दोस्त अभिषेक अग्रवाल उर्फ अभिषेक भोपालिका समेत कुल 5 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अभिषेक समेत 4 लोग गिरफ्तार कर जेल भी भेजे गए। लेकिन, आदित्य कुमार अपने ऊपर केस दर्ज होने के बाद से ही फरार हो गए और वो अब तक फरार ही हैं। करीब साढ़े 5 महीने का वक्त गुजर चुका है।

टॅग्स :बिहारBihar Policeकोर्टक्राइम
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