SCO Meeting in Pakistan Live Updates: इस्लामाबाद में एससीओ बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम ऐसे समय में बैठक कर रहे हैं जब दुनिया कठिनाई के दौर से गुजर रही है; दो बड़े संघर्ष जारी हैं, जिनका पूरे विश्व पर असर होगा। उन्होंने आगे कहा कि ऋण गंभीर चिंता का विषय है, विश्व सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में पीछे रह गया है।
भारतीय विदेश मंत्री विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रौद्योगिकी में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन यह कई चिंताएं भी पैदा करती है।एससीओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने सहयोग के लाभ प्राप्त करने के लिए समूह के चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता के महत्व को रेखांकित किया।
एससीओ सम्मेलन के दौरान जयशंकर ने कहा, "सहयोग आपसी सम्मान, संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए; इसे क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए। सहयोग वास्तविक साझेदारी पर आधारित होना चाहिए, न कि एकतरफा एजेंडे पर। हमारे प्रयास तभी आगे बढ़ेंगे जब एससीओ चार्टर के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ रहेगी।"
एस जयशंकर ने अपने संबोधन में आगे कहा, "यह स्वत: सिद्ध तथ्य है कि विकास और वृद्धि के लिए शांति और स्थिरता अनिवार्य है। हमारे सामूहिक प्रयास संसाधनों का विस्तार कर सकते हैं और निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित कर सकते हैं।"
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचे थे। यह दोनों पड़ोसी देशों के तनावपूर्ण संबंधों के बीच पिछले करीब एक दशक में किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है। जयशंकर का विमान स्थानीय समयानुसार अपराह्न करीब 3.30 बजे पाकिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके में स्थित नूर खान हवाई अड्डे पर उतरा और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
पिछले करीब नौ साल में पहली बार भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा की है। दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे पर और पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं। इससे पहले विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। वह दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद की यात्रा पर आयी थीं। उस समय जयशंकर भारत के विदेश सचिव के नाते सुषमा स्वराज के शिष्टमंडल का हिस्सा थे।