सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 को राफेल सौदे को लेकर दिए गए फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर नरेन्द्र मोदी सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है। कोर्ट ने केंद्र को 4 मई तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई छह मई को तय की है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण की पुनर्विचार याचिकाओं पर न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की है।
केन्द्र ने मंगलवार की सुनवाई स्थगित करने का किया था अनुरोध
केंद्र ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर मंगलवार ( 30 अप्रैल) को होने वाली सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया था। केंद्र ने कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं पर अपना विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिये और समय की आवश्यकता है। केंद्र ने यह अनुरोध प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष किया।
केंद्र के पत्र में कहा था कि पुनर्विचार याचिकाओं के मेरिट पर अपना जवाब दाखिल करने के लिये कुछ वक्त की आवश्यकता है। राफेल सौदे के बारे में सुप्रीम कोर्ट के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर ये पुनर्विचार याचिकायें दायर की गई हैं। सुप्रीम अदालत ने इस फैसले में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे को चुनौती देने वाली सारी याचिकायें खारिज कर दी थीं।
शीर्ष अदालत ने 10 अप्रैल को इस सौदे से संबंधित लीक हुये कुछ दस्तावेजों पर आधारित अर्जियां स्वीकार कर लीं और पुनर्विचार याचिकाओं पर केन्द्र की प्रारंभिक आपत्तियों को अस्वीकार कर दिया जिससे केन्द्र को झटका लगा।