अस्थाना के खिलाफ शिकायत करने वाले सना को सुरक्षा दें पुलिस - सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के समन पर रोक लगाने से
By हरीश गुप्ता | Published: November 1, 2018 03:53 PM2018-11-01T15:53:17+5:302018-11-01T15:53:17+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद पुलिस को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी की शिकायत करने वाले व्यापारी सतीश सना को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति यू. यू. ललित और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की पीठ ने सना के खिलाफ जारी सीबीआई के समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
इसके अलावा सना की वह याचिका भी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए. के. पटनायक की मौजूदगी में अपना बयान दर्ज कराने की मांग की थी.
सीबीआई ने सना की शिकायत पर अस्थाना के खिलाफ 15 अक्तूबर को मामला दर्ज किया था. सना ने सोमवार को शीर्ष अदालत से अस्थाना के खिलाफ जांच जारी रहने के दौरान जान का खतरा बताते हुए पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने और पूछताछ के लिए सीबीआई के समन पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी. सना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने कहा कि उनके मुवक्किल की जान को खतरा है, इसलिए उन्हें सुरक्षा देने की जरूरत है.
पीठ ने कहा कि अगर उनकी जान को खतरा है तो वह जरूरी कदम उठाएगी. सना ने दावा किया था कि विशेष निदेशक अस्थाना ने मांस निर्यातक मोइन कुरैशी को जांच एजेंसी से क्लीन चिट दिलवाने में मदद की. सना ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 160 के तहत 29 अक्तूबर को कार्यवाही में शामिल होने के लिए उन्हें सीबीआई ने जल्दबादी में नोटिस जारी किया है.
सना ने कहा कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं और जांच की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के निर्देशानुसार जब भी बुलाया जाएगा वह दिल्ली आ जाएंगे.
रिश्वतखोरी केस में डीएसपी देवेंद्र, बिचौलिया मनोज अदालत में पेश : सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में अपने डीएसपी देवेंद्र कुमार और बिचौलिये मनोज प्रसाद को पेश किया. सीबीआई ने रिश्वतखोरी मामले में देवेंद्र और मनोज को गिरफ्तार किया है. रिश्वतखोरी के इस मामले में सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का भी नाम है.
देवेंद्र ने सोमवार को एक स्थानीय अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की थी. वकील राहुल त्यागी के जरिए दायर जमानत याचिका में देवेंद्र ने अपनी हिरासत को 'अवैध' करार दिया और रिहाई की गुहार लगाई. इस मामले में बिचौलिये के रूप में मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद को भी नामजद किया गया है.
व्यापारी सतीश सना ने लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया गया था कि मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ केस में जांच अधिकारी होने के नाते डीएसपी देवेंद्र शिकायतकर्ता को बार-बार सीबीआई दफ्तर बुलाकर उसे परेशान कर रहा था. देवेंद्र क्लीन चिट की एवज में 5 करोड़ रुपए की रिश्वत देने के लिए बाध्य कर रहा था.