देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (31 अक्टूबर) भारत वर्ष के पहले गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' देश को समर्पित करेंगे। दुनिया की सबसे उंची यह प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध पर बनी है। 182 मीटर उंची पटेल की प्रतिमा को तैयार होने में पांच साल का वक्त लगा है। इसके लिए मोदी गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती के मौके पर बुधवार को ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के लिए मंगलवार रात अहमदाबाद पहुंच कर इसका उद्घाटन किया है।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी लाइव
- उन्होंने अपने भाषण का अंत भी नारे के साथ ही की। मोदी ने कहा है कि मैं हैरान रह जाता हूं जब देश में ही कुछ लोग राजनीति के चश्मे से देखते हैं। देश के सपूतों के सम्मान के लिए हमारी आलोचना की जाती है। ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे मैंने कोई अपराध कर दिया हो, क्या देश के महापुरुषों का स्मरण करना अपराध है ।- प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि 31 अक्टूबर 2010 को मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था। उस वक्त मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस महापुरुष ने देश को एक करने का काम किया है उसका ऐसा सम्मान जरूर होना चाहिए, जिसके वो हकदार हैं। इस प्रतिमा से हजारों आदिवासियों को रोजगार भी मिलने वाला है।- सरदार साहब के दर्शन करने वाले पर्यटक सरदार सरोवर बांध और सतपुड़ा के दर्शन भी कर पाएंगे, गुजरात सरकार आसपास के क्षेत्रों को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित कर रहे हैं। मेरा मानना है कि यहां एक ऐसी एकता नर्सरी बने जहां से पर्यटक एकता पौधा ले जाएं और एकता के वृक्ष के साथ जीवन बिताएं।-इतना ही नहीं बीते करीब साढ़े तीन साल में 2500 कारगारों ने मिशन मोड पर काम किया। 90 की आयु पार कर चुके शिल्पकार राम सुतार के नेतृत्व में कई शिल्पकारों ने इस प्रतिमा का कार्य पूरा किया।ये भारत भक्ति का प्रमाण है कि ये काम इतनी जल्दी हो गया।आप सभी का नाम भी सरदार पटेल के साथ इतिहास का हिस्सा हो गया।- पीएम ने कहा कि करोड़ों भारतीयों की तरह तब मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस व्यक्ति ने देश को एक करने के लिए इतना बड़ा पुरुषार्थ किया हो, उसको वो सम्मान आवश्य मिलना चाहिए जिसका वो हकदार है।- प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार साहब के चलते ही आज मौलिक अधिकार हमारे लोकतंत्र का प्रभावी हिस्सा है। ये प्रमिता सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और पर्मार्थ का जीता जागता प्रमाम है। यह प्रतिमा उनके साहस और समर्पण का सम्मान तो है ही साथ ही नए भारत के आत्म विश्वास की प्रति भी है। ये प्रतिमा उन किसान के स्वाभिमान प्रतीक है जिनके खेत की मिट्टी और औजार इस प्रतिमा की नींव बनी है।-मोदी ने बताया कि इस प्रतिमा की ऊंचाई भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आक्षाओं का है जो इतनी ही विराट हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सिर्फ एक ही मंत्र है एक भारत, श्रेष्ठ भारत।- आज कच्छ से लेकर कटक तक और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हम बेरोकटोक जा पा रहे हैं तो इसके पीछे सरदार साहब का प्रयास है। कल्पना कीजिए कि अगर सरदार साहब ने ये प्रयास ना किया तो शायद गिर के शेर, सोमनाथ का मंदिर और हैदराबाद की चार मीनार देखने के लिए वीजा लेना पड़ता।- उन्होंने कहा 21 अप्रैल 1947 को आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से सरदार पटेल ने कहा था कि अब तक जो इंडियन सिविल सर्विस में ना तो कोई इंडियन था, ना कोई सिविल था और ही कोई सर्विस थी, उन्होंने युवाओं से आवाहन किया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा को मजबूत बनाना है। सरदार पटेल के समय में भारतीय प्रशासनिक सेवा की तुलना स्टील फ्रेम से की गई।- पीएम ने कहा कि सरदार साहब ही थे जिनके चलते मौलिक अधिकार हमारे लोकतंत्र का अधिकार हैं।- इस दौरान उन्होंने कहा कि सरदार साहब के इसी संवाद से, एकीकरण की शक्ति को समझते हुए उन्होंने अपने राज्यों का विलय कर दिया। देखते ही देखते, भारत एक हो गया।- मोदी ने कहा कि मेरा सपना है कि सरदार साहब के देश को एक करने के प्रयासों का एक वर्चुअल म्यूजियम तैयार किया जाए, जिस कमजोरी पर दुनिया हमें ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाकर सरदार ने देश को एक बनाया।भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है। हिंदुस्तान आज दुनिया की बड़ी आर्थिक, सामरिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है. इसके पीछे सरकार साहब का बहुत बड़ा रोल था।- संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब हमें किसी का गुलाम नहीं होना है। रदार साहब का सामर्थ तब भारत के काम आया था जब मां भारती 550 से ज्यादा रियासतों में बंटी पड़ी थी। दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी। उस जमाने निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधिताओं की वजह से बिखर जाएगा। उस दौरान सिर्फ उम्मीद की किरण थी।सरदार बल्लभ भाई पटेल। सरदार पटले में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी महाराज के शौर्य का समावेश था।-उन्होंने 5 जुलाई 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था- विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी जगड़े, बैर का भाव हमारी हार की बड़ी वजह थी। अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है,ना ही दोबारा किसी का गुलाम होना है।इसी बात को समझते हुए राजारवाड़ाओं ने अपने राज्यों का विलय कर दिया। सरदार साहब के आवाहन पर राजवाड़ों ने त्याग की मिशाल पेश की थी।-मोदी ने कहा कि जब यह कल्पना मन में चल रही थी, तो मैं यहां के पहाड़ों को खोज रहा था। मेरा विचार था कि नक्काशी कर सरदार साहब की प्रतिमा उस पर निकाली जाए। लेकिन जांच के बाद ऐसी कोई मजबूत चट्टान नहीं मिली। फिर विचार बदलना पड़ा। आज जो रूप आप देख रहे हैं, उसने वहीं से जन्म लिया।- मुझे लौहा अभियान का पहला टुकड़ा भी सौंपा गया है। मैं आप सभी के प्रति और गुजरात के लोगों के प्रति कृतज्ञ हूं। मैं इन्हें यहीं छोडूंगा ताकी आप इन्हें देख सके।- मुझे लोहा अभियान के दौरान लोहे का पहला टुकड़ा भी सौंपा गया है। मैं गुजरात के लोगों के प्रति कृतज्ञ हूं। मैं इन चीजों को यहीं पर छोड़ूंगा, ताकि देश इसे देख सके।-मुझे आज वो दिन याद आ रहे हैं जब देश भव के गांव से मिट्टी मागी गई थी और खेती में काम किए गए पुराने औजारों को इकट्ठा करने का काम चल रहा था. तब किसानों ने इस काम को एक आंदोलन बना दिया। मुझे याद है कि जब ये विचार सामने रखा था तब बहुत शंकाएं थीं। उस दौरान मैंने ये भी सोचा कि कोई ऐसी चट्टान मिल जाए जिससे सरदार की प्रतिमा को उकेरा जा सके। इसके बाद आज जो देख रहे हैं उस विचार ने जन्म लिया, दुनिया की ये सबसे ऊंची प्रतिमा पूरी दुनिया को और भविष्य के युवाओं को उस व्यक्ति की याद दिलाती रहेगी।- आज भारत के वर्तमान ने अपने देश के इतिहास के एक सर्वणिम पुरूष को उजागर करने का काम किया।- उन्होंने बता कि आज आपके सम्मान पत्र में मैं एक सम्मान पत्र की अनुभूति कर रही हूं। मुझे वो दिन याद आ रहे हैं जब देश भर के गांवों से मिट्टी मांगी गई थी, तो लोगों ने खुद आगे बढ़कर इसको जनआंदोलन बना दिया था।- पीएम मे देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार आज धऱती से लेकर आसमा तक आपका अभिषेक हो रहा है। मेरा सौभाग्य है कि इस विशाल प्रतिमा को समर्पित करने का मौका मिला। मैंने जब से सोचा था तब नहीं पता था कि मैं ही पीएम बन ने अनावर्ण करूंगा ये सरदार का ही आशीर्वाद है।- उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता आज फल और फूल रह ही, ऐसे दिन इतिहास में दर्ज हो जाते हैं जिनको मिटा पाना मुश्लिल हो जाता है आज का ये दिन भी ऐसा ही है। भारत के लिए आज का दिन भारत का विराट व्यक्ति्व का है।-आज पूरा देश सरदार बल्लभ भाई पटेल की याद में राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है। इस मौके पर देश के कोने कोने में नौजवान 'रन फ़ॉर यूनिटी के लिए दौड़ लगा रहे हैं, भारत भक्ति की इसी भावना के बल पर हमारी सभयता फल फूल रही है।- पीएम मोदी ने यहां अपने संबोधन में कहा कि आप सभी का आज मैं अाभार व्यक्त करता हूं, आज पूरा देश सरकार को याद करता हुआ एकता दिवस बना रहा है, रन फॉर यूनिटी बना रहा है।- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित करने के बाद कहा कि मैंन कहूंगा कि सरकार पटेल आप कहेंगे अमर रहें अमर रहें...आप एक और नारें-देश की एकता आप कहेंगे जिंदाबाद जिंदाबाद- पीएम ने देश को सबसे ऊंची प्रतिमा सौंपी है, है, उन्हों 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' लोकार्पण किया है। इस लोकार्पण के साथ एक वीडियो भी दिखाया गया- सरदार पटेल की मूर्ति के अनावरण से पहले कांग्रेस का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरदार पटेल, कांग्रेस के सबसे बड़े नेता थे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की विरासत को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास टेंट सिटी का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम
पीएम मोदी सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण करने गुजरात पहुंच चुके हैं। वह करीब 8 बजकर 50 मिनट पर केवडिया पहुंचेगे और 9 बजकर 5 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक वैली ऑफ फ्लॉवर्स का दौरा करेंगें। इसके बाद वह सुबह साढ़े नौ बजे से 9 बजकर 50 मिनट तक टेंट सिटी का दौरा करेंगे। सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित कार्यक्रम में पीएम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित करेंगे।
इस मूर्ति की लागात सरकार ने 3,001 करोड़ रुपये रखी थी। बाद में इसे तैयार करने को लेकर लगाई गई बोली में मुंबई की कंपनी लारसन एंड टर्बो (एलएंडटी) ने 2,989 करोड़ रुपये में इसे तैयार कर देने का ठेका लिया था।