Saran Seat Lok Sabha Elections 2024: बिहार में रघुवंशी बनाम यदुवंशी के बीच जारी सियासी लड़ाई में इस बार के लोकसभा चुनाव में सारण सीट पर सभी की निगाहें टिकी रहीं। सोमवार को मतदान समाप्त होने के बाद दोनों ओर से अंदरूनी आकलन का दौर शुरू हो गया है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का गढ़ रहा सारण सीट से खुद लालू यादव चार बार सांसद रह चुके हैं। जबकि अभी भाजपा के राजीव प्रताप रूडी भी चार बार इस सीट पर कब्जा जमा चुके हैं। पिछले चुनावों में अपनी पत्नी राबड़ी देवी और समधी चंद्रिका राय को आजमा कर हार चुके लालू यादव ने इस बार अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को मैदान में उतारा है। रोहिणी आचार्य का मुकाबला राजीव प्रताप रूडी से हो रहा है। इस सीट पर यादव और राजपूतों के बीच ही मुख्य मुकाबला होता रहा है।
कायस्थ और वैश्य मतदाताओं का भी अच्छा खासा वोट
मुख्य पार्टियां भी इन्हीं दोनों जातियों के उम्मीदवार को मैदान में उतारती हैं। भाजपा से वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी राजपूत जाति से हैं। यहां के पूर्व के सांसद राजपूत या यादव समाज से ही रहे हैं। सारण लोकसभा क्षेत्र में दोनों खेमों में बंटे मतदाता अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर वोट करते हैं। यादव और राजपूत मतदाताओं के बाद शहरी इलाकों में कायस्थ और वैश्य मतदाताओं का भी अच्छा खासा वोट है।
चंद्रिका राय राजद के टिकट से चुनाव लड़े थे
अल्पसंख्यक और अति पिछड़ी जाति के मतदाता भी निर्णायक स्थिति में हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय को 1,38,429 वोटों से हराया था। चंद्रिका राय राजद के टिकट से चुनाव लड़े थे। उनके खाते में 3,60,913 वोट आए थे।
जबकि राजीव प्रताप रूडी को इस सीट पर 4,99,342 वोट मिले थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में 28 हजार से ज्यादा मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी यादव को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
चुनाव 2019 में इस सीट पर कुल 1667253 मतदाता थे
राजीव प्रताप रूडी को 3,55,120 वोट मिले थे। वहीं, राजद उम्मीदवार राबड़ी देवी को इस चुनाव में 3,14,172 वोट मिले थे। उस वक्त जदयू भाजपा से अलग थी और जदयू ने इस सीट से सलीम परवेज को चुनावी मैदान में उतारा था। परवेज को 1,07 हजार 008 वोट मिले थे। चुनाव 2019 में इस सीट पर कुल 1667253 मतदाता थे।
इस संसदीय क्षेत्र में राजपूत और यादव जाति की बहुलता है। इसको ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दल यहां से यादव या फिर राजपूत उम्मीदवार पर ही अपना दांव लगाते हैं। हालांकि बनिया, मुस्लिम और दलितों की भूमिका भी उम्मीदवारों के जीत और हार में प्रमुख से निभाती है। सारण में सबसे ज्यादा साढ़े चार लाख यादव मतदाता हैं।
एम-वाई यानी मुस्लिम और यादव समीकरण बनाकर लालू प्रसाद यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं
इसके बाद तीन लाख बनिया, डेढ़ लाख राजपूत, ब्राह्मण और भूमिहार एक लाख। करीब दो लाख कोइरी-कुर्मी, करीब दो लाख महादलित और दलित और 2.50 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। सारण लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक यादवों की आबादी 25 फीसदी है। एम-वाई यानी मुस्लिम और यादव समीकरण बनाकर लालू प्रसाद यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं।
वहीं, भाजपा उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी राजपूत और वैश्यों की गोलबंदी से विजय पाने में सफल रहे हैं। छपरा लोकसभा सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव 1957 में हुआ था। उस समय यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रामशेखर प्रसाद सिंह ने लोकसभा चुनाव 1962, 1967 और 1971 में सफलता पाई थी।
1989 में एक बार फिर जनता दल से लालू प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की थी
इमरजेंसी के बाद 1977 हुए लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार लालू प्रसाद यादव विजयी हुए थे। 1980 में जनता दल के टिकट पर सत्यदेव सिंह और 1984 में रामबहादुर सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1989 में एक बार फिर जनता दल से लालू प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की थी।
लालू यादव के साल 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद 1991 में छपरा लोकसभा सीट से लाल बाबू राय ने जनता दल के टिकट पर विजय हासिल की थी। 1996 में भाजपा के लिए राजीव प्रताप रूडी ने पहली बार सीट जीती। 98 में राजद के हीरा लाल जीते, तो 99 में फिर रूडी जीते।
2004 में राजद से लालू प्रसाद जीते। वही, सारण लोकसभा क्षेत्र 2009 में अस्तित्व में आई। लालू सांसद बने। 2014 और 19 में जीत रूडी को मिली। 2014 में उन्होंने राबड़ी देवी और 2019 में लालू के समधी चंद्रिका राय को हराया।