लाइव न्यूज़ :

शारदा चिट फंड: SC ने खारिज की राजीव कुमार की याचिका, कहा-कोलकाता हाईकोर्ट जा सकते हैं आप

By स्वाति सिंह | Updated: May 24, 2019 13:01 IST

शारदा चिटफंड घोटला को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ सख्ती बरती है। कोर्ट ने कहा कि कुमार को गिरफ्तारी से छूट देने संबंधी पांच फरवरी का आदेश आज से सात दिनों के लिए लागू रहेगा ताकि वह कानूनी उपायों के लिए सक्षम अदालत में जा सकें।

Open in App
ठळक मुद्देकोर्ट ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक की अवधि को आगे बढ़ाने की मांग पर सुनवाई से इंकार कर दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार से कहा कि 'आप कोलकाता हाईकोर्ट जा सकते हैं

शारदा चिटफंड घोटला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को राहत नहीं दी है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर आज तक लगी रोक की अवधि को आगे बढ़ाने की मांग पर सुनवाई से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार से कहा कि 'आप कोलकाता हाईकोर्ट जा सकते हैं, वहां छुट्टियां नहीं चल रही हैं। आपकी समस्या का समाधान वहीं हो सकता है।'

कोर्ट ने कहा कि कुमार को गिरफ्तारी से छूट देने संबंधी पांच फरवरी का आदेश आज से सात दिनों के लिए लागू रहेगा ताकि वह कानूनी उपायों के लिए सक्षम अदालत में जा सकें। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने सीबीआई से कहा कि वह मामले में कानून के अनुसार काम करे।

क्या है शारदा चिटफंड घोटाला?

सबसे पहले तीन हजार करोड़ का ये घोटाला 2013 में सामने आया था जिसमें कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने आम लोगों के ठगने का आरोप लगा था। शारदा ग्रुप पर आरोप लगा था कि इनकी ओर से 34 गुना रकम करने का वादा किया गया था और लोगों से पैसे ठग लिए।

घोटाले के सामने आने के बाद एजेंटों से निवेशकों ने पैसे मांगने शुरू किए तो कई एजेंटों ने जान तक दे दी थी। इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे। इसके बाद साल 2014 इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम की पुलिस को भी सीबीआई के जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था।

शारदा चिटफंड घोटाले में क्या है राजीव कुमार का रोल?

घोटालों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस की एसआईटी टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व राजीव कुमार ने किया था। इस कमेटी की स्थापना साल 2013 में की गई थी।

खबरों के मुताबिक सीबीआई सूत्रों का कहना है कि एसआईटी जांच के दौरान कुछ खास लोगों को बचाने के लिए कुछ अहम सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई थी।यह भी कहा जाता है कि घोटाले की जांच से जुड़ी कुछ अहम फाइल और दस्तावेज गायब भी हैं।

इस मामले में खोई हुई फाइलों और दस्तावेजों को लेकर सीबीआई पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करना चाहती है। लेकिन सीबीआई ने पुलिस कमिश्नर को फरार बताया था। बता दें कि राजीव कुमार पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टपश्चिम बंगालममता बनर्जी
Open in App

संबंधित खबरें

भारत'अमित शाह ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन का आधार तैयार करने के लिए SIR का इस्तेमाल किया', ममता बनर्जी ने लगाया आरोप

भारतTMC ने MLA हुमायूं कबीर को पार्टी ने किया सस्पेंड, बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने पर दिया था बयान

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतक्या नंदीग्राम सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे अभिषेक बनर्जी?, 2026 में बन सकते पश्चिम बंगाल सीएम?

क्राइम अलर्ट3 माह पहले दोस्ती, रात 9 बजे बस स्टॉप पर इंतजार, 3 लोग कार से आए और जबरन बैठाया, मादक पदार्थ देकर छेड़छाड़, अल्ताफ आलम अरेस्ट और 2 की तलाश जारी

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई