मुंबई: शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस बयान पर पलटवार किया है। जिसमें देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार की नई आबकारी नीति पर तंज किया था और पूछा था कि यह महाराष्ट्र है कि मद्यराष्ट्र है?।
इसके जवाब में अब संजय राउत ने कहा है कि फडणवीस सरकार ने जब शराब के ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी की नीति बनाई थी तो वह क्या थी?
इसके साथ ही संजय राउत ने बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा के उस बयान को भी लपेटे में ले लिया, जिसमें साध्वी ने कहा था कि शराब एक दवा है और इसे कम मात्रा में पिएं। संजय राउत ने कहा कि हमारी सरकार पर प्रश्न उठाने वाले पहले बताएं कि यह सब क्या है।
मालूम हो कि बीते 20 जनवरी को बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शिवराज सरकार की आबकारी नीति का बचाव करते हुए कहा था कि शराब औषधि का काम करती है। बीजेपी सांसद साध्वी ने तो इसके लिए आयुर्वेद तक का हवाला दे दिया था और कहा था कि अगर शराब को सीमित मात्रा में लिया जाए तो वह औषधि का काम करती है।
वहीं अगर महाराष्ट्र में शराब के सियासी मसले पर बात करें तो महाराष्ट्र सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर विपक्षी दल बीजेपी उद्धव सरकार पर हमलावर है। बीजेपी उद्धव ठाकरे सरकार के उस फैसले की आलोचना कर रही है, जिसमें सरकार ने सुपर बाजारों और दुकानों पर वाइन बिक्री की इजाजत दी है।
संजय राउत ने इससे पूर्व भी इस मामले में कहा था कि वाइन शराब नहीं होती है। वाइन की बिक्री बढ़ने से राज्य सरकार को राजस्व का लाभ होगा और इससे किसानों को भी लाभ होगा।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के वाइन बिक्री के नये कानून पर उठे विवाद पर सफाई दी है कि दरअसल सरकार की ओर से वाइन की बिक्री को अनुमति दी गई है, जिनका निर्माण फलों से होता है। नवाब मलिक ने कहा कि इससे महाराष्ट्र के ही किसानों को अतिरिक्त आय का लाभ मिलेगा और सरकार ने यह कदम उसी दिशा के बारे में सोचते हुए उठाया है।
राउत ने कहा था कि विपक्षी दल भाजपा इस फैसले का केवल इसलिए विरोध कर ही है क्योंकि उसने किसानों के लिए कभी भी कुछ नहीं किया है। हमारी सरकार ने वाइन बिक्री का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि इससे किसानों की आय दोगुनी होगी और उन्हें लाभ मिलेा।
वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का आरोप था कि सरकार को अगर नागरिकों को सुविधाएं देनी है, महंगाई से राहत देनी है तो वो इसके लिए पेट्रोल-डीजल से टैक्स कम करके उन्हें राहत दे न कि राज्य में शराब बिक्री की सुविधाएं बढाए।
देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि उद्धव सरकार ने कोरोना काल में किसानों और गरीबों के लिए कुछ भी नहीं किया। इस सरकार को बस शराब के बिक्री की चिंता है। यही कारण है कि महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल महंगा है, वहीं शराब सस्ते दामों पर बेची जा रही है