मुंबई: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि पर शोकमग्न देश में हो रही सियासत नाथूराम गोडसे और उसकी विचारधारा के इर्दगिर्द घूम रही है। राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के एक ट्वीट ने हिंदुत्व पर नये सिरे से बहस छेड़ दी है।
बापू को याद करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "एक हिंदुत्ववादी ने गांधी जी को गोली मारी थी। सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधी जी नहीं रहे। जहां सत्य है, वहां आज भी बापू ज़िंदा हैं!"
इसके बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "कांग्रेस का यही हिंदुत्वविरोधी मंतर कांग्रेस को छूमंतर करेगा. हिंदुत्व इस देश की आत्मा और संस्कृति है।"
वहीं अब इस मामले में अब महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार की अगुवाई कर रही शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी सधी हुई प्रतिक्रिया दी है।
राउत ने राहुल गांधी के द्वारा गांधी जी की हत्या में हिंदुत्व पर घेरे जाने को लेकर कहा कि अगर गांधी जी को गोली मारने वाला असली हिंदुत्ववादी होता तो जिन्ना को गोली मारता।
राउत कहते हैं, "जिसने देश का विभाजन किया, जिसने पाकिस्तान की मांग की, यानी जिन्ना को गोली मारनी चाहिए थी। अगर आपमें हिम्मत थी तो जिन्ना को गोली मारते। एक फकीर गांधी को गोली मारना ठीक नहीं था।"
संजय राउत ने पत्रकारों से कहा कहा, "गांधी जी की कुछ भूमिकाओं पर टीका-टिप्पणियां हो सकती हैं, लेकिन उनके व्यक्तित्व पर नहीं। राष्ट्र को जोड़ने में, अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से निहत्थे होकर ब्रिटिश साम्राज्यवादियों के खिलाफ पूरे देश को खड़ा करने में उनका योगदान असाधारण है।"
मालूम हो कि 30 जनवरी 1948 की शाम दिल्ली के बिरला हाउस में नाथूराम गोडसे नाम के हत्यारे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
हिंदू महासभा का सदस्य नाथूराम गोडसे महात्मा गांधी की विचारधारा से सहमत नहीं था और खासतौर पर गांधी जी की विभाजन के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को लेकर जो सोच थी, नाथूराम उससे सबसे ज्यादा असहमत था।