मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार को लेकर सियासत अपने चरम पर है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने प्रदेश की सत्ता में साझेदार भाजपा से प्रश्न करते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में कैसे मंच साझा कर रहे हैं, जबकि वो कथित वंशवाद की राजनीति के लिए शरद पवार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आज कहा कि भाजपा को यह स्पष्ट करना होगा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी नेता शरद पवार के साथ मंच साझा करने के लिए क्यों तैयार हैं, जबकि उन्होंने एक महीने पहले ही एनसीपी पर पर भ्रष्ट होने और वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
राउत ने कहा. "पीएम मोदी ने एक महीने पहले एनसीपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए हमला किया था और उसके कुछ दिनों के बाद एनसीपी से टूटे अजित पवार गुट के साथ भाजपा ने हाथ मिला लिया था। आज उसी एनसीपी के मुखिया पीएम मोदी के साथ मंच पर होंगे। इसका सीधा मतलब है कि पीएम मोदी के कथनी और करनी में भारी विरोधाभास है। कम से कम भाजपा को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।''
राउत ने शरद पवार के उस स्पष्टीकरण, जिसमें पवार ने कहा कि पीएम मोदी के साथ लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शामिल होन का आमंत्रण तीन महीने पहले मिला था। संजय राउत ने कहा कि अगर यह गैर-राजनीतिक कार्यक्रम है तो निश्चित ही शरद पवार को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में जाना चाहिए।
इस पूरे प्रकरण में दिलचस्प बात यह है कि शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' में कहा गया कि खुद शरद पवार द्वारा लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री को सम्मानित किया जाना और उन्हें पुरस्कार दिया जाना ''विवाद की जड़'' है।
सामना में कहा गया, "शरद पवार कहते हैं कि वह मराठाओं का चेहरा हैं और उनकी आशा हैं। इसलिए उनसे एक अलग व्यवहार की उम्मीद की गई थी। इस वक्त पूरा देश मोदी के फासीवाद के खिलाफ लड़ रहा है और उसी लड़ाई को लड़ने के लिए इंडिया नाम से विपक्ष का गठबंधन बना है, जिसमें पवार एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं।"
सामना की संपादकीय में आगे कहा गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा ने शरद पावर की एनसीपी को दोफाड़ में कर दिया। इसलिए यदि शरद पवार लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं होते, तो उनके नेतृत्व और साहस को एनसीपी में स्वीकारा और सराहा जाता।
मालूम हो कि शरद पवार आज पुणे में लोकमान्य तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग ले रहे हैं, जहां पवार पीएम मोदी के साथ मंच साझा करेंगे। कार्यक्रम में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के साथ महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस भी शामिल होंगे।