दिल्ली: शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर एक बार फिर जबरदस्त हमला बोला है। शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार पर हमलावर रवैया रखने वाले राउत गाहे-बगाहे सीएम शिंदे की खिंचाई करते रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम शिंदे महाराष्ट्र में कोई भी कार्य दिल्ली के इशारे पर करते हैं। राज्य सरकार के गठन के बाद कैबिनेट विस्तार नहीं होने पर सांसद राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार का विस्तार नहीं हो रहा है, इसका मतलब है कि ये सरकार स्थिर नहीं है और कभी भी गिर सकती है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, "पहले महाराष्ट्र में आलाकमान हुआ करता था लेकिन अब शिंदे का आलाकमान दिल्ली में है। वह बाला साहेब और शिवसेना की बात करते हैं लेकिन दिल्ली में 'मुजरा' करते हैं। असली शिवसेना कभी किसी के आगे नहीं झुकी। एक साल हो गया लेकिन कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ, इस बात से पता चलता है कि यह सरकार जा रही है।"
दरअसल राउत ने इस तरह की टिप्पणी इस कारण की है क्योंकि बीते रविवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मुलाकात की। बताया जा रहा है कि ये मुलाकात आने वाले लोकसभा चुनाव और सूबे के अन्य चुनावों के मद्देनजर हुई। गृहमंत्री से मुलाकात के बाद सीएम शिंदे ट्वीट करके कहा, "हमने तय किया है कि शिवसेना और भाजपा लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव सहित आगामी सभी चुनाव मिलकर लड़ेंगी।"
इस कारण से उद्धव खेमे में खमखमाहट मची हुई है। वैसे उद्धव ठाकरे, शरद पवार की पार्टी एनसीपी और कांग्रेस के साथ महाविकास अघाड़ी के जरिये शिंदे की शिवसेना और भाजपा को मात देने के लिए लगातार कमर कसे हुए हैं।
संजय राउत ने समाचार एजेंसी एएनआई से न केवल महाराष्ट्र की राजनीति बल्कि ओडिसा रेल हादसे पर भी बात की और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, "वे (सरकार) 'कवच' के बारे में बात करते हैं लेकिन वो दुर्घटनाग्रस्त ट्रेनों में नहीं था। वे केवल झूठे आश्वासन देते हैं। इससे पहले माधवराव सिंधिया और लाल बहादुर शास्त्री ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया। क्या यह सरकार और रेल मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है?"