प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में स्वर्गीय अरुण जेटली से प्रार्थना करते हुए कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन आएगा, जब मुझे अपने दोस्त को श्रद्धांजलि देनी होगी।
हम इतने लंबे समय से दोस्त थे लेकिन मैं उन्हें अपना अंतिम सम्मान नहीं दे सका, इसके कारण मेरे दिल पर हमेशा बोझ रहेगा। अरुण जी का जीवन इतनी विविधताओं से भरा हुआ था कि दुनिया की किसी भी Latest चीज की बात निकालिये, वो उसका पूरा कच्चा चिट्ठा खोल देते थे, उनके पास जानकारियों का भंडार था।
वे लंबे समय तक बीमार थे, लेकिन आखरी दिन तक अगर उनसे सामने से पूछा जाए तो भी, वे अपनी बात बताने में या अपने स्वास्थ्य के बारे में बताने में समय खर्च नहीं करते थे। उनका मन-मतिष्क हमेशा देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए रम गया था। यही उनकी ऊर्जा, उनका सामर्थ्य था।
छात्र राजनीति की नर्सरी में पैदा हुआ पौधा हिंदुस्तान की राजनीति के विशाल फलक में एक वट वृक्ष बनकर उभर आए ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। प्रतिभा को एक निश्चित दिशा में ढाल करके उन्होंने हर काम में एक नई ऊर्जा और एक नई सोच दी।
पिछले दिनों अरुण जी के लिए जो लिखा गया है, उनके लिए जो कहा गया है और अभी भी अनेक महानुभावों ने जिस प्रकार से अपनी स्मृतियों को यहां ताजा किया है इस सबसे अनुभव कर सकते हैं कि उनका व्यक्तित्व कितना विशाल था, कितनी विविधताओं से भरा हुआ था।
जेपी नड्डा ने कहा कि अरुण जेटली जी के चले जाने से भाजपा को जो नुकसान हुआ है वो बयान नहीं किया जा सकता। उनका जीवन पार्टी के प्रति समर्पित था। छात्र जीवन में जब युवा अपने करियर को तलाशते हैं, तब वो आपातकाल के दौरान जेल गए। जेपी आंदोलन में उन्होंने कई युवाओं को प्रेरित किया।