नई दिल्ली: रामनवमी के दिन दिल्ली के जेएनयू में बवाल के बाद भी विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। शुक्रवार सुबह जेएनयू कैंपस के बाहर मेनगेट के पास कई भगवा झंडे और बैनर लगे हुए नजर आए। ऐसे बैनर और झंडा लगाने के पीछे कथित तौर पर 'हिंदू सेना' की भूमिका मानी जा रही है। हिंदू सेना ने ये चेतावनी भी जारी की है कि अगर जेएनडू में भगवा का अपमान किया गया तो इसके खिलाफ कदम उठाए जाएंगे।
वहीं, पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि माहौल खराब करने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'आज सुबह पता चला है कि जेएनयू के पास सड़क और आसपास के इलाकों में कुछ झंडे और बैनर लगाए गए हैं। हाल की घटनाओं को देखते हुए इन्हें तत्काल हटा दिया गया और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।'
दूसरी ओर सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में हिंदू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने कहा कि जेएनयू में 'भगवा' का अपमान होने पर संगठन किसी भी हद तक जा सकता है।
सुरजीत सिंह ने कहा, 'जेएनयू में भगवा का विरोध करने वालों द्वारा भगवा का अपमान किया जा रहा है। यह हिंदू सेना की ओर से एक चेतावनी है- कृपया बदल जाएं। भगवा का अपमान करने की कोशिश न करें। हम आपका सम्मान करते हैं। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं। हर विचार का सम्मान करते हैं। लेकिन जिस तरह से भगवा का अपमान किया जा रहा है, हम इसके खिलाफ कोई सख्त कदम उठा सकते हैं।'
गौरतलब है कि रामनवमी के दिन जेएनयू परिसर में कावेरी छात्रावास के भोजनालय में कथित रूप से मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हुई थी। पुलिस का कहना है कि हिंसा में छह छात्र घायल हो गए थे। बहरहाल, दोनों समूहों ने दावा किया कि दोनों पक्षों के 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने छात्रों को छात्रावास के भोजनालय में मांसाहारी भोजन करने से रोका और हिंसक माहौल पैदा किया, लेकिन एबीवीपी ने इन आरोपों को खारिज किया और आरोप लगाया कि वामपंथियों ने राम नवमी पर छात्रावास में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम को बाधित किया।