नई दिल्ली: लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने यूक्रेन में हुई चर्चा के जवाब में कहा कि हम संघर्ष (रूस-यूक्रेन विवाद) के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि खून बहाकर और मासूमों की जान की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। संवाद और कूटनीति किसी भी विवाद का सही समाधान है। इसके अलावा विदेश मंत्री ने कहा कि हम रिपोर्टों से बहुत परेशान हैं। हम बूचा में हुई हत्याओं की कड़ी निंदा करते हैं। यह एक अत्यंत गंभीर मामला है और हम स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करते हैं।
अपनी बात को जारी रखते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि यह ध्यान में रखना चाहिए कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर, अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान पर और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए बनाई गई है। यदि भारत ने एक पक्ष चुना है, तो यह शांति का पक्ष है और यह हिंसा के तत्काल अंत के लिए है। उन्होंने ये भी कहा कि यूक्रेन में संघर्ष के वैश्विक अर्थव्यवस्था और हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण परिणाम हुए हैं। सभी देशों की तरह हम भी इसके प्रभावों का आकलन कर रहे हैं और यह तय कर रहे हैं कि हमारे राष्ट्रीय हित के लिए सबसे अच्छा क्या है।
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है, जिसपर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुईं हैं। इस जंग को 40 दिनों से ऊपर हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद युद्ध के रुकने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मालूम हो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन में मिलिट्री अभियान की घोषणा की थी।
हालांकि, यूक्रेन आक्रामण के बाद से रूस दुनियाभर में अलग-थलग पड़ गया है। यही नहीं, अमेरिका सहित कई देशों ने रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं, अमेरिका अभी नए प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र में भी रूस-यूक्रेन जंग को लेकर अब तक कई स्तर की बैठकें हो चुकी हैं।