विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- 'चीन से निपटने के लिए सरदार पटेल का यथार्थवादी दृष्टिकोण अपना रही है मोदी सरकार, नेहरू का आदर्शवादी नहीं'

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 2, 2024 05:50 PM2024-01-02T17:50:24+5:302024-01-02T17:52:17+5:30

चीन के साथ भारत के रिश्ते पर जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन के साथ आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और रुचि के साथ जुड़ना चाहिए और दृष्टिकोण यथार्थवाद पर आधारित होना चाहिए न कि नेहरूवादी युग की रूमानियत पर।

S Jaishankar said Modi government is adopting Sardar Patel realistic approach to deal with China | विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- 'चीन से निपटने के लिए सरदार पटेल का यथार्थवादी दृष्टिकोण अपना रही है मोदी सरकार, नेहरू का आदर्शवादी नहीं'

भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (फाइल फोटो)

Highlightsजयशंकर ने कहा कि ताली बजाने के लिए दो हाथों की ज़रूरत होती हैकहा कि मोदी सरकार बहुत यथार्थवादी तरीके से ही चीन से निपट रही हैहालिया रूसी यात्रा पर हो रही आलोचना का भी जवाब दिया

नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। अपनी नई किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' के लॉन्च के सिलसिले में विदेश मंत्री ने एएनआई के साथ एक बातचीत में कहा कि भारत इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि दुनिया भर के देशों के साथ अपने संबंधों का विस्तार कैसे किया जाए। जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया में उनकी हालिया रूसी यात्रा पर हो रही आलोचना का भी जवाब दिया और कहा कि हर देश के अपने मूल्य और हित होते हैं।

चीन से सीमा पर पिछले चार सालों से तनाव की स्थिति है। चीन से निपटना भारतीय कूटनीति और राजनीति दोनों के लिए एक बड़ी परीक्षा है। मौजूदा हालात में चीन से कैसे निपटना चाहिए? इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन के साथ यथार्थवाद के आधार पर निपटना चाहिए जैसा कि पटेल ने वकालत की थी।

चीन के साथ भारत के रिश्ते पर जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन के साथ आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और रुचि के साथ जुड़ना चाहिए और दृष्टिकोण यथार्थवाद पर आधारित होना चाहिए न कि नेहरूवादी युग की रूमानियत पर। जयशंकर ने भारत के पहले गृह मंत्री और प्रधान मंत्री के बीच चीन को लेकर मतभेदों का भी जिक्र किया और कहा कि पटेल का नजरिया वास्तविकता से मेल खाता था। जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार बहुत यथार्थवादी तरीके से ही चीन से निपट रही है। 

जयशंकर ने कहा कि ताली बजाने के लिए दो हाथों की ज़रूरत होती है। मैं इस मुद्दे को इस तरह से प्रस्तुत करता हूं यदि आप हमारी विदेश नीति के पिछले 70 से ज्यादा वर्षों को देखें, तो उनमें चीन के बारे में यथार्थवाद की कमी दिखाई देती है और वहां आदर्शवाद, रूमानियत, गैर-यथार्थवाद है। नेहरू और सरदार पटेल के बीच इस बात पर तीव्र मतभेद थे कि चीन को कैसे जवाब दिया जाए।

जयशंकर ने हाल ही में  मॉस्को यात्रा की थी जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इसकी पश्चिमी मीडिया ने निंदा की थी। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से ही वैश्विक हालात बदले हुए हैं और ऐसे में जयशंकर की रूस यात्रा को पश्चिम में गलत नजर से देखा गया। जयशंकर ने इस पर भी दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय हित सबसे पहले आता है। हमने हमेशा कहा है कि रूस संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। विदेश मंत्री ने कहा कि मैंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बैठक से पहले भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि हम इस रिश्ते को महत्व देते हैं। यह एक ऐसा रिश्ता है जिसे भारत ने अच्छे से निभाया है। जयशंकर ने कहा कि हर देश के अपने मूल्य और हित होते हैं और वह अपना संतुलन ढूंढता है। 

Web Title: S Jaishankar said Modi government is adopting Sardar Patel realistic approach to deal with China

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