कोलकाता: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में वर्तमान गिरावट चीन द्वारा पैदा की गई है, न कि भारत द्वारा। उन्होंने कहा कि किसी रिश्ते को चलाने के लिए ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है। कोलकाता में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, "आखिरकार ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है और चीन को भी एक व्यावहारिक रिश्ते में विश्वास रखना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "जब कोई बड़ी शक्ति उभरती है तो वह स्थिरता चाहती है। चीन के साथ हमारी मंदी उनकी यथास्थिति बदलने के कारण थी। उन्हें यह समझने की जरूरत है कि रिश्तों में आपसी समझ होनी चाहिए।" जयशंकर ने कहा कि प्रमुख देशों के बीच रिश्ते तभी काम करते हैं जब वे आपसी हित, संवेदनशीलता और सम्मान पर आधारित होते हैं। मंत्री ने कहा कि वह चीन को यह समझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
अपनी बात को जारी रखते हुए जयशंकर ने कहा, "सीमावर्ती इलाकों में हमने कुछ मुद्दे सुलझा लिये हैं। (लेकिन) ऐसे मुद्दे हैं (जहां) हमने नहीं किया है,'' उन्होंने कहा, ''मैं ऐसा करना जारी रखूंगा...कूटनीति में, आप कभी हार नहीं मानते।" जयशंकर ने कहा कि अगर बेहतर कामकाजी संबंध बनाए रखना है तो चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 1993 और 1996 में हुए समझौतों का पालन करना होगा।