आज से पुष्कर में सहयोगी संगठनों के साथ आरएसएस की समन्वय बैठक शुरू
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 7, 2019 11:11 AM2019-09-07T11:11:10+5:302019-09-07T11:11:10+5:30
तीन दिवसीय समन्वय बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, इसके शीर्ष पदाधिकारी और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भाजपा सहित अपने विभिन्न सहयोगी और संबद्ध संगठनों के साथ समन्वय बैठक शनिवार से शुरू हो रही है और सूत्रों के मुताबिक अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाया जाना, घाटी की मौजूदा स्थिति और राम मंदिर मुद्दा एजेंडा में अहम है.
तीन दिवसीय समन्वय बैठक शनिवार को शुरू होगी और इसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, इसके शीर्ष पदाधिकारी और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगे. आरएसएस के प्रचार प्रभारी अरुण कुमार ने शुक्रवार को राजस्थान के शहर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा, देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति और पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
आरएसएस का सहयोगी संगठन 'सीमा जागरण' अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को हटाए जाने और कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्तुति दे सकता है. यह संगठन सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करता है. इसी प्रकार स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय मजदूर संघ देश में समग्र आर्थिक मंदी के बारे में प्रतिनिधियों को जानकारी देंगे.
सूत्रों ने कहा कि अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई पर विश्व हिंदू परिषद मामले में चल रही न्यायिक कार्यवाही का विवरण साझा करेगी. कुमार ने कहा कि संघ के 35 सहयोगी और संबद्ध संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधि समन्वय बैठक में भाग लेंगे. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा, देश के सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिति और पर्यावरण संरक्षण पर प्रमुखता से चर्चा होगी.
2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद आरएसएस की यह पहली समन्वय बैठक है. नड्डा के अलावा भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और महासचिव राम माधव भी बैठक में शामिल होंगे. कोई भी केंद्रीय मंत्री तीन दिवसीय बैठक में भाग नहीं लेंगे क्योंकि यह आरएसएस और उसके सहयोगियों और संबद्ध संगठनों की समन्वय बैठक है.