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राजद सांसद मनोज झा ने केन्द्र और भाजपा पर बोला तीखा हमला, कहा- 'सरकार की नीतियां सिर्फ आरक्षण विरोधी नहीं...'

By एस पी सिन्हा | Updated: June 9, 2025 18:55 IST

राजद कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुई एक दुखद घटना के बाद अचानक प्रधानमंत्री को जातीय जनगणना की याद आई और उन्होंने इसकी सहमति दे दी।

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पटना: राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सोमवार को केंद्र सरकार और विशेष रूप से भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की मंशा जातीय आंकड़ों को दबाने और पिछड़े वर्गों को गुमराह करने की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की नीतियां सिर्फ आरक्षण विरोधी नहीं, बल्कि राजनीतिक अवसरवाद से प्रेरित हैं। मनोज झा ने कहा कि भाजपा पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों को भ्रमित करने की साजिश रच रही है।

राजद कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुई एक दुखद घटना के बाद अचानक प्रधानमंत्री को जातीय जनगणना की याद आई और उन्होंने इसकी सहमति दे दी। मनोज झा ने सवाल उठाया कि क्या इस तरह की संवेदनशील प्रक्रिया राजनीतिक अवसरवादिता के तहत चलाई जाएगी? 

साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जातीय जनगणना के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है और इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है। सरकार केवल पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों की गिनती करेगी, लेकिन उप-जातियों की गणना नहीं की जाएगी। 

इससे भी बड़ा सवाल यह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जातीय आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। इससे साफ जाहिर होता है कि यह जनगणना केवल एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी, जिसका कोई ठोस सामाजिक लाभ नहीं होने वाला है। फिर सामाजिक न्याय की दिशा में इस प्रक्रिया का क्या लाभ? 

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि केवल जातियों की संख्या गिनना ही काफी नहीं, जब तक उप-जातियों की स्थिति और उनके प्रतिनिधित्व पर आंकड़े सामने नहीं लाए जाते, तब तक यह कवायद निरर्थक है। मनोज झा ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ओबीसी और ईबीसी वर्ग की वास्तविक जनसंख्या बताने से कतरा रही है। 

उन्होंने पूछा अगर संसद में ओबीसी पर बहस होनी है, तो उनके सटीक आंकड़े कौन देगा? मनोज झा ने कहा कि केंद्र सरकार ओबीसी और ईबीसी वर्ग की वास्तविक संख्या बताने से कतरा रही है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर निजी क्षेत्र में ओबीसी की गिनती को पर्दे के पीछे रखा गया, तो पूरा देश इसके खिलाफ खड़ा होगा। मनोज झा ने फिर कहा कि जब जातीय जनगणना हो ही रही है, तो इसके बाद की नीति और कार्ययोजना पर भी केंद्र सरकार खुलकर बात करे।

टॅग्स :आरजेडीमनोज झाBJPCenter
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