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गणतंत्र दिवस परेडः बंगाल के बाद अब महाराष्ट्र की झांकी रिजेक्ट, शिवसेना ने केंद्र पर हमला बोला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 2, 2020 19:05 IST

सरकार ने इस बार की गणतंत्र दिवस परेड के लिए आए झांकियों के 56 प्रस्तावों में से 22 चुने गए हैं जिनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और केंद्रीय मंत्रालयों के छह प्रस्ताव हैं। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे।

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र सरकार ने कहा कि हमारे राज्य की झांकी को गृह मंत्रालय ने खारिज कर दिया है।इस मामले पर शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है।

मोदी सरकार ने 2020 की गणतंत्र दिवस की परेड के लिए झांकियों का चयन कर लिया है। इस बार पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की झांकी देखने को नहीं मिलेगी।

राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए गैर-भाजपा शासित महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनकी झांकियों को अनुमति नहीं देना लोगों का ‘अपमान’ जैसा है। सुले ने ट्वीट किया, “केंद्र ने गणतंत्र दिवस पर परेड के लिए महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को अनुमति नहीं दी है। यह देश का त्योहार है और केंद्र से सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देने की उम्मीद है।

लेकिन सरकार पक्षपातपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रही है और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों से सौतेला व्यवहार कर रही है।’’ बारामती से सांसद सुले ने एक समाचार रिपोर्ट भी साझा की जिसमें दावा किया गया है कि रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस परेड (26 जनवरी) के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार कर दिया है।

सरकार ने इस बार की गणतंत्र दिवस परेड के लिए आए झांकियों के 56 प्रस्तावों में से 22 चुने गए हैं जिनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और केंद्रीय मंत्रालयों के छह प्रस्ताव हैं। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे।

मंत्रालय द्वारा जारी बयान बयान में कहा गया है,‘‘ पांच बैठकों के बाद उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गए हैं।’’ बयान के अनुसार पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया। 

महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि हमारे राज्य की झांकी को गृह मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। इस मामले पर शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की झांकी हमेशा से ही देश का आकर्षण रही है। केंद्र सरकार ने दुर्भावना से काम किया है। यह राज्य के लिए सही नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला बोला। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में प्रदर्शन के परिणामस्वरूप यह निर्णय लिया गया। उसने इसे राज्य और यहां की जनता का अपमान बताया। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की झांकी का प्रस्ताव खारिज कर दिया था।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का प्रस्ताव एक विशेषज्ञ समिति द्वारा दो चरण में पड़ताल करने के बाद खारिज हुआ है। मंत्रालय ने कहा था, ‘‘ यहां यह जानकारी देना आवश्यक है कि पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी को गणतंत्र दिवस 2019 में हिस्सा लेने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। यह इसी प्रक्रिया के जरिए चुनी गई थी।’’ इसमें आगे कहा गया, ‘‘विशेषज्ञ समिति ने दूसरी बैठक में सोच विचार के बाद पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी के प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया।’’

पश्चिम बंगाल में संसदीय मामलों के मंत्री तापस रॉय ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने राज्य के प्रति बदले की भावना पाल रखी है। उन्होंने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध कर रही है इसलिए उसके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है।

इन आरोपों के जवाब में पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि झांकी का प्रस्ताव इसलिए खारिज हुआ क्योंकि राज्य सरकार ने प्रस्ताव पेश करने में नियमों एवं प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को हर मुद्दे पर राजनीति करना बंद करना चाहिए। 

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