Republic Day 2024 Parade Live: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की महिला बैंड टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर शुक्रवार को कर्तव्य पथ पर मार्च किया और इस दौरान बैंड द्वारा बजायी गयी ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन से दर्शक रोमांचित हो उठे। आईटीबीपी की 'महिला बैंड टुकड़ी' का नेतृत्व बैंड कमांडर कांस्टेबल अंबिका पाटिल ने किया। दल ने अपनी औपचारिक पोशाक में अल्लामा मोहम्मद इकबाल द्वारा लिखित 'सारे जहां से अच्छा' की धुन पर मार्च किया। संपूर्ण महिला टुकड़ी का नेतृत्व सहायक कमांडेंट मोनिया शर्मा ने किया, जिसमें तीन अधीनस्थ अधिकारी (महिलाएं) और 144 अन्य रैंक (महिलाएं) शामिल थीं। आईटीबीपी बल के सैनिकों को हिमवीर के नाम से जाना जाता है।
वे लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक दुनिया की 3,488 किलोमीटर की सबसे ऊंची और सबसे दुर्गम सीमाओं की रक्षा करते हैं। आईटीबीपी को वीरता, खेल और साहसिक कार्य के लिए छह शौर्य चक्र, दो कीर्ति चक्र, एक सेना पदक, 19 राष्ट्रपति पुलिस पदक और कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
गणतंत्र दिवस समारोह की परेड के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टुकड़ी के हिस्से के रूप में शुक्रवार को चमकीली बहुरंगी काठी में ऊंटों ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। इस दृश्य ने सबका मन मोह लिया। इस टुकड़ी का नेतृत्व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खींची ने किया।
इंस्पेक्टर शैतान सिंह और दो सब-इंस्पेक्टर-रैंक अधिकारी भी उनके साथ थे। दल में महिला ऊंट सवार थीं, जो उन क्षेत्रों में कौशल का प्रदर्शन कर रही थीं, जिन्हें केवल पुरुषों का क्षेत्र माना जाता है। ‘रेगिस्तान के जहाज’ कहे जाने वाले ऊंट राजस्थान के थार रेगिस्तान और कच्छ के रण के दुर्गम इलाके में सीमा सुरक्षा बल के जवानों के भरोसेमंद साथी माने जाते हैं।
ऊंट पर सवार सैनिक राजस्थान और गुजरात सीमा पर तस्करों और चरमपंथियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने में सहायक रहे हैं। भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान बीएसएफ ऊंट दल के प्रदर्शन को विदेशी प्रतिनिधियों ने भी सराहा था। बीएसएफ के ऊंट पर सवार बैंड ने परेड के दौरान ‘‘हम हैं सीमा सुरक्षा बल, बहादुरों का दल’’ की मधुर धुन बजाई। यह दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र बैंड है। इसने पहली बार 1990 में गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया था।