Republic Day 2024: देश के 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में शुक्रवार को हथयारों का पता लगाने वाली स्वदेश विकसित रडार प्रणाली ‘स्वाति’, मोबाइल ब्रिजिंग प्रणाली ‘सर्वत्र’, ड्रोन जैमर प्रणाली और आधुनिक रेडियो आवृत्ति निगरानी प्रणाली का प्रदर्शन किया गया। ‘स्वाति’ को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। परेड में इस प्रणाली के बाद कोर ऑफ इंजीनियर्स की ‘सर्वत्र’ मोबाइल ब्रिजिंग प्रणाली, मोबाइल ड्रोन जैमर प्रणाली और आधुनिक रेडियो आवृत्ति निगरानी प्रणाली को प्रदर्शित किया गया।
परेड में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी आकर्षण का केंद्र रही जो 300 किलोमीटर तक की रेंज में हवाई क्षेत्र में निगरानी रख सकती है और 70 किलोमीटर तक की रेंज में आसमान में दुश्मन के प्लेटफॉर्म पर निशाना साध सकती है। गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की झांकी में सामाजिक सशक्तीकरण को आगे बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उपयोग को दर्शाया गया। झांकी के अगले हिस्से में एक ‘‘फीमेल रोबोट’’ को सोचने की मुद्रा में दिखाया गया।
इसके साथ एक चिप का 3डी स्केल मॉडल दर्शाया गया। एलईडी लाइटों के साथ किनारों पर सर्किट डिजाइन ने उस ऊर्जा को प्रदर्शित किया जिसके साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता भारत को विकास की ओर ले जाती है। आधिकारिक बयान के अनुसार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पारंपरिक विकास बाधाओं को दूर करने और भारत में बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करने में सक्षम है।
इसमें कहा गया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 967 अरब डॉलर की वृद्धि होने और 2025 तक भारत की जीडीपी में 450-500 अरब डॉलर जुड़ने की उम्मीद है, जो देश के 5 हजार अरब डॉलर के जीडीपी लक्ष्य का 10 प्रतिशत है। झांकी में चिकित्सा सर्जरी में एआई के उपयोग को भी दर्शाने का प्रयास किया गया।
झांकी के पिछले हिस्से में शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका को दर्शाया गया है, जबकि निचले हिस्से में मवेशियों के स्वास्थ्य की निगरानी और दृष्टिबाधित व्यक्तियों की मदद करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस्तेमाल को दर्शाया गया। झांकी के साथ छात्र इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ इलेक्ट्रिक स्कूटर का उपयोग करते हुए कर्तव्य पथ पर चलते हुए दिखाई दे रहे थे।