एयर चीफ मार्शल बीएस धनोओ को राजधानी दिल्ली स्थित आवास के बाहर राफेल की प्रतिमूर्ति लगा दी गई है। गौर करने वाली बात है कि धनोआ का आवास कांग्रेस मुख्यालय के पड़ोस में है। सांकेतिक रूप में यह कदम एक बड़ा संदेश दे रहा है।
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर राफेल विमान सौदे में अनियमितता के आरोप लगाए थे। कांग्रेस पार्टी ने 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया था। लेकिन चुनाव नतीजों ने कांग्रेस के कैम्पेन की हवा निकाल दी। जनता ने एकबार फिर मोदी सरकार के पक्ष में जनादेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में मामला
राफेल विमान सौदे से जुड़ी हुई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इन याचिकाओं में राफेल सौदे के लिए एफआईआर दर्ज करने और निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। उधर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में जांच कराने का कोई सवाल ही नहीं है। केंद्र सरकार ने कहा है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) रिपोर्ट ने इन लड़ाकू विमानों की कथित 'अत्यधिक कीमत' के बारे में याचिकाकर्ताओं की मुख्य दलीलों को झूठा साबित कर दिया है।
याचिकाकर्ताओं के पास सबूत नहीं
केंद्र सरकार ने 14 दिसंबर के फैसले पर पुनर्विचार की याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है। केंद्र ने कहा कि यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने ऐसा कोई ठोस आधार नहीं दिया जिसके आधार पर फैसले पर पुनर्विचार किया जा सके।