Sardar Patel Birth Anniversary: पहले उप-प्रधानमंत्री के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य, जिन्हें जानकर आप खुश होंगे
By आकाश चौरसिया | Published: October 31, 2023 10:33 AM2023-10-31T10:33:52+5:302023-10-31T10:57:15+5:30
सरदाल वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस के मौके पर देश के कोने-कोने में लोग इस दिन अपने अंदाज से सेलिब्रेट कर रहे हैं। इस क्रम में हम भी आपको उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों से रूबरू कराने जा रहे हैं।
नई दिल्ली: सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148 वीं जन्मशताब्दी देश भर में मनाई जा रही है। यह अवसर इसलिए खास है क्योंकि वल्लभभाई ने देश की आजादी के संघर्ष और आजादी मिलने के बाद रियासतों का एकीकरण करना हो, ये सभी कार्य में उनका अहम योगदान रहा है। उन्हें भारत के लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है। उनकी प्रख्याती देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी थी। इस क्रम में उनके जीवन से जुड़े अहम और दिलचस्प पहलुओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
गृह मंत्री के जीवन से जुड़े तथ्य-
-सरदार पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शामिल थे, वे आजादी के बाद पहले उप-प्रधानमंत्री के रुप में अपनी भूमिका अदा की।
-1929 में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, पटेल महात्मा गांधी के बाद दूसरे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए।
-देश की पहली स्वतंत्रता वर्षगांठ पर सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत के गृह मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
-पटेल के प्रयास गुजरात तक सीमित नहीं थे, बल्कि उन्होंने शराबबंदी, अस्पृश्यता, जातिगत भेदभाव जैसे मुद्दों से लड़ने और महिलाओं की मुक्ति को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम किया।
-अपनी कानूनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, पटेल ने अधिक अनुभवी वकीलों से ज्ञान और मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए गुजरात की कोर्ट में अपना कानून अभ्यास शुरू किया।
-6 साल की उम्र में, पटेल इन्स ऑफ कोर्ट में मिडिल टेम्पल में तीन साल के कार्यक्रम में दाखिला लेने के लिए इंग्लैंड चले गए। उल्लेखनीय रूप से, बिना किसी पूर्व कॉलेज शिक्षा के, उन्होंने केवल 30 महीनों में कार्यक्रम पूरा किया और एक सर्टिफाइड वकील बन गए।
-वहीं, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" का अनावरण सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि के रूप में 2018 में किया गया था।
-सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्मदिवस पर 31 अक्टूबर को अब राष्ट्रीय एकता दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
-भारत की रियासतों को एकजुट करने के लिए सरदार पटेल की मजबूत वकालत, महिला सशक्तीकरण पर उनके प्रगतिशील रुख और राष्ट्र निर्माण में उनकी सक्रिय भूमिका ने उन्हें भारत का 'लौह पुरुष' उपनाम दिया।