भारत में ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा प्लेयर साबित होगा रिलायंस, वालमार्ट और अमेज़न की मोनोपॉली होगी खत्म

By विकास कुमार | Updated: January 23, 2019 19:13 IST2019-01-23T19:13:30+5:302019-01-23T19:13:30+5:30

भारत में ई-कॉमर्स का बाजार बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. मॉर्गन स्टैनले की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2026 तक इसके 200 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. देश में फिलहाल ई-कॉमर्स के 70 फीसदी मार्केट पर अमेजॉन और फ्लिपकार्ट का कब्जा है.

Reliance will be a biggest player of indian e-commerce market, will challenge amazon and flipkart | भारत में ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा प्लेयर साबित होगा रिलायंस, वालमार्ट और अमेज़न की मोनोपॉली होगी खत्म

भारत में ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा प्लेयर साबित होगा रिलायंस, वालमार्ट और अमेज़न की मोनोपॉली होगी खत्म

Highlightsमुकेश अंबानी ने रिलायंस के ई-कॉमर्स में उतरने का एलान किया है. सरकार ने हाल ही में नई ई-कॉमर्स नीति का एलान किया है.भारत में ई-कॉमर्स का बाजार 2026 तक 200 बिलियन डॉलर को पार कर जायेगा.

कॉर्पोरेट की दुनिया में एक कहावत प्रचलित है कि पहले खेल का हिस्सा बनो और उसके बाद खेल के सारे नियम ही बदल दो. भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी पर ये कहावत बिलकुल सटीक बैठती है. जियो के साथ टेलीकॉम सेक्टर में खलबली मचाने वाले मुकेश अंबानी अब ई-कॉमर्स क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने जा रहे हैं. उनके एलान भर से ही इस क्षेत्र के पुराने खिलाड़ियों में भगदड़ की स्थिति बनी हुई है.

विशुद्ध स्वदेशी 'ई-कॉमर्स नीति' 

इधर रिलायंस ने ई-कॉमर्स सेक्टर में उतरने का एलान किया और उधर सरकार ने देश में नई ई-कॉमर्स पॉलिसी लाने की घोषणा कर दी. नई पॉलिसी का ड्राफ्ट देश के ई-कॉमर्स सेक्टर के दो बड़े खिलाड़ी अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं. एक तो रिलायंस जैसी कंपनी जिसके पास अथाह धन और जियो के रूप में विशाल यूजर मौजूद है और उसके बाद सरकार की नई पॉलिसी ने दुनिया के सबसे अमीर शख्स जेफ बेजोस की चिंताएं बढ़ा दी हैं. 

भारतीय रिटेल और ई-कॉमर्स मार्केट में अमेरिकी कंपनियों की मोनोपॉली को तोड़ने के लिए सरकार के द्वारा लागू की गई नई ई-कॉमर्स नीति रिलायंस के लिए बहुत बड़ी सफलता का कारण बन सकती है. फ्लिप्कार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के बाद वालमार्ट भी भारत में ऑफलाइन स्टोर खोलने की तैयारी कर रहा है. सरकार की नई नीति के अनुसार विदेशी कंपनियां बिना सेलर्स के अपने उत्पाद नहीं बेच पाएंगी. 

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200 बिलियन डॉलर का ई-कॉमर्स मार्केट

भारत में ई-कॉमर्स का बाजार बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है.  मॉर्गन स्टैनले की एक रिपोर्ट  के मुताबिक 2026 तक इसके 200 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. देश में फिलहाल ई-कॉमर्स के 70 फीसदी मार्केट पर अमेजॉन और फ्लिपकार्ट का कब्जा है. लेकिन रिलायंस के इस क्षेत्र में उतरने के बाद अब लड़ाई दिलचस्प हो गयी है. नई नीति के अनुसार भारत में फॉरेन फंडिंग प्राप्त करने वाली कंपनियों के लिए हालात अब बदलने वाले हैं. जिन कंपनियों ने विदेशी निवेशकों से फंडिंग प्राप्त किया है उन्हें भारत में वेयरहाउस खोलने की इजाजत नहीं होगी. नई नीति के अनुसार कंपनियां अपने सेलर्स के जरिये भी वेयरहाउस का संचालन नहीं कर पाएंगी.

रिलायंस बदल सकता है ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था 

भारत में इस समय 50 करोड़ लोग इन्टरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें 20 करोड़ लोग गाँव और छोटे शहरों से ताल्लुक रखते हैं. मुकेश अंबानी ने ग्रामीण बाजारों को छूने का संकेत दिया है. जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि मुकेश अंबानी की नजर ग्रामीण भारतीय बाजार पर है जहां बड़ी संख्या में इन्टरनेट यूजर होने के बावजूद ई-कॉमर्स का मार्केट अभी तक नहीं पहुंचा है. मुकेश अंबानी की इस पहल से ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, क्योंकि छोटे दुकानदार रिलायंस के ऑनलाइन मार्केट से सीधे तौर पर जुड़ पाएंगे और अपने उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए उन्हें एक बड़ा प्लेटफार्म मुहैया होगा. 

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक वेयरहाउस के नहीं होने का सीधा असर कंपनियों के सप्लाई-चेन पर पड़ेगा. ऐसे में कंपनियों के लिए डिस्काउंट और भारी सेल लगाना मुश्किल हो जायेगा. अगर सरकार ने ड्राफ्ट की नीतियों को यथास्थिति रखते हुए लागू कर दिया तो अमेजॉन को सबसे बड़ी टक्कर रिलायंस से मिलेगी. वालमार्ट ने हाल ही में ई-कॉमर्स की सबसे बड़ी स्वदेशी कंपनी फ्लिपकार्ट में 77% हिस्सेदारी खरीदी जिसे देश का अब तक का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स डील कहा जाता है. 16 अरब डॉलर की डील पर इठलाने के बाद फ्लिपकार्ट की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

रिलायंस भारत की सबसे बड़ी कंपनी है. बेशुमार धन होने के कारण रिलायंस को विदेशी निवेशकों की कोई जरुरत नहीं है. जियो की सफलता के बाद मुकेश अंबानी का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर है. कंपनी के पास जिओ के रूप में विशाल डेटाबेस उपलब्ध हैं. जिसका इस्तेमाल ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के विस्तार के लिए कर सकती है. कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल की संभावनाएं भी तलाश रही है.

मुकेश अंबानी के पास जियो का विशाल डेटाबेस 

ई- कॉमर्स में उतरने से पहले जियो का लांच होना मुकेश अंबानी के सुनियोजित प्लान का हिस्सा लगता है. ई-कॉमर्स की सफलता के दो मजबूत स्तम्भ हाई स्पीड इंटरनेट और यूजर डेटाबेस रिलायंस की सफलता के कारण हो सकते हैं. जियो के साथ मुकेश अंबानी के पास 28 करोड़ यूजर का डेटाबेस मौजूद है और इसके साथ ही उनके पास कैपिटल की कोई कमी नहीं है. उन्हें फंडिंग के लिए सॉफ्ट बैंक और टाइगर ग्लोबल की राह नहीं देखना है. इसके साथ ही रिलायंस ऑफलाइन रिटेल सेक्टर का पहले ही एक बहुत बड़ा नाम है. पूरे देश में रिलायंस के 10 हजार स्टोर पहले ही काम कर रहे हैं.  सरकार की नई नीति रिलायंस भारत के ई- कॉमर्स सेक्टर का सबसे बड़ा स्वदेशी प्लेयर बन सकता है.


 

Web Title: Reliance will be a biggest player of indian e-commerce market, will challenge amazon and flipkart

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