पटना: बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की प्रस्तावित आभार यात्रा को लेकर अभी से सियासी पारा चढ़ने लगा है। सत्ताधारी दल जदयू और भाजपा ने निशाना साधा है। बेतिया के भाजपा सांसद और बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि राजद को कंधा देने के लिए जनता ने 4 सांसद ही चुने हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब किसी की मौत हो जाती है तो 4 लोगों द्वारा उसे कंधा देने की परंपरा रही है। लिहाजा, राजद को कंधा देने के लिए बिहार की जनता ने उनके 4 सांसदों को संसद भेजा है।
उन्होंने कहा कि इसका आभार तेजस्वी यादव को बिहार की जनता को जरूर देना चाहिए कि उनकी नाकामियां और उनके माता-पिता की बदनामियों के बावजूद भी उन्हें कंधा देने के लिए बिहार में 4 सांसदों को बचाया गया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव इस बार 243 विधानसभा सीटों में से 171 सीटे हार गए हैं। उसके लिए वह बहुत खुश हैं और यात्रा पर निकालने वाले हैं।
वहीं जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि तेजस्वी यादव को धन्यवाद यात्रा की जगह पश्चाताप यात्रा निकालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से राजद का आचरण रहा है, उस तरह से पश्चाताप यात्रा ही निकलनी चाहिए। अभिषेक झा ने कहा कि इन लोगों ने हमेशा समाज में द्वेष फैलाने का काम किया है। तेजस्वी यादव जब सत्ता में रहते हैं तो इनके लोग यही सोचते हैं कि कैसे लाभ लिया जाए, कैसे लोगों को लूटा जाना चाहिए? जब ये विपक्ष में चले जाते हैं तो जनता को बरगलाने के लिए यह यात्रा पर निकालते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार जनता उनके फेरे में आने वाली नहीं है।
उधर, राजद के विधायक इसराइल मंसूरी ने पलटवार करते हुए कहा कि जदयू और भाजपा वालों को तेजस्वी यादव से भय हो गया है। उन्होंने पूछा कि हम लोगों के नेता तेजस्वी यादव अगर जनता के बीच में जा रहे हैं तो इन लोगों को किस बात की दिक्कत है? इनके पेट में दर्द क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि एनडीए वाले ज्यादा भ्रम में ना रहें, बिहार में सबसे ज्यादा वोट महागठबंधन और राजद को आया है।
उन्होंने दावा किया कि आज बिहार में सबसे ज्यादा जनाधार तेजस्वी प्रसाद यादव का है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि भाजपा के नेताओं के बयान पर हंसी आती है। जनाधार किसका गिरा है और किसका बढ़ा है, यह लोकसभा चुनाव में स्पष्ट हो गया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मोदी जी का और भाजपा का जनाधार घटा है। भाजपा के नेताओं को तेजस्वी यादव के प्रति कोई भी बात करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।