बेंगलुरुः कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बड़ा एक्शन लिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने भगदड़ की घटना के सिलसिले में बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त और अन्य पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है। सिद्धरमैया ने कहा कि भगदड़ की घटना की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है। बेंगलुरु में भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित सदस्यीय आयोग 30 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। पुलिस से आरसीबी, डीएनए इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी और केएससीए के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार करने को कहा है।
कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने मची भगदड़ की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी गई है, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। गहन और स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने के लिए सीआईडी के अंतर्गत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा।
सरकार ने अदालत को एक स्थिति रिपोर्ट सौंपी, जिसमें पुष्टि की गई कि भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत कब्बन पार्क पुलिस थाने में एक प्राथमिकी (अपराध संख्या 123/2025) दर्ज की गई है, जिसमें धारा 105, 125 (1) (2), 132, 121/1 और 3 (5) के साथ पठित धारा 190 शामिल है। इसमें कहा गया है कि मामला अब औपचारिक रूप से सीआईडी को सौंप दिया गया है।
आगे की कार्रवाई के लिए एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले, दिन में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को भगदड़ पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और 10 जून तक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भगदड़ के कारण का पता लगाने और किसी भी प्रशासनिक या संगठनात्मक चूक की पहचान करने के लिए एक अलग मजिस्ट्रेट जांच भी शुरू की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच का नेतृत्व बेंगलुरू शहर के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट करेंगे और यह 15 दिनों के भीतर पूरी होनी चाहिए।
स्थिति रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टेडियम के आसपास 2.5 लाख से ज़्यादा लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। इसमें कहा गया है कि आरसीबी की जीत को ध्यान में रखते हुए, सुरक्षा और बंदोबस्त सुनिश्चित करने के लिए, बेंगलुरु शहर की पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों और कांस्टेबलों सहित कुल 1,380 कर्मियों को तैनात किया था।
इसमें कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए 13 केएसआरपी यूनिट (प्रत्येक में 25 कर्मी) को तैनात किया गया था। स्थिति रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टेडियम के गेट 1, 6, 7, 17 और 21 पर सबसे ज़्यादा भीड़भाड़ देखी गई। इसमें कहा गया है कि सभी घायलों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई गईं - घायलों में से 50 को बाह्य रोगी के रूप में उपचार दिया गया और उन्हें छुट्टी दे दी गई, जबकि छह अभी भी देखभाल प्राप्त कर रहे हैं।
पुलिस की तैनाती के अलावा, राज्य ने तीन दमकल गाड़ियां, दो एंबुलेंस, दो डी-स्वैट इकाइयां, पानी का एक टैंकर, एक कमान एवं नियंत्रण वाहन और चार अतिरिक्त केएसआरपी यूनिट तैनात की थीं। अदालत को यह भी बताया गया कि सभी 11 मृतकों की पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।
यह भी बताया गया कि सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है, साथ ही घायलों के लिए पूर्ण चिकित्सा कवरेज की भी घोषणा की है। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) ने प्रत्येक मृतक के परिवार को अतिरिक्त 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का वादा किया है।