पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाये जाने की छिड़ी चर्चाओं के बीच उन्होंने एकबार फिर से यह दोहराया है कि हमारी दिलचस्पी राष्ट्रपति बनने में कतई नहीं है. हमारी कोई आकांक्षा और इच्छा राष्ट्रपति बनने की नहीं है. उन्होंने कहा कि हम अपना काम कर रहे हैं.
हमारा किस चीज में दिलचस्पी है ये तो जान लीजिये. हमारा दिलचस्पी समाज सुधार का है, विकास का है. समाज सुधार यात्रा के दौरान जब मीडियाकर्मियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब यह पूछा कि क्या वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होने जा रहे हैं? इसपर उन्होंने कहा को कहा कि पहले यह तो जान लीजिये कि मेरी दिलचस्पी क्या है? जिस चीज में मेरी दिलचस्पी होगी वही काम न करेंगे.
उन्होंने कहा कि कहां कोई मुझे राष्ट्रपति बना रहा है, ये सब ऐसे ही चलता रहता है. इसमें कोई बात नहीं. हमको तो घोर आश्चर्य है. कल ही लोग हमसे पूछ रहे थे, हमको तो घोर आश्चर्य हुआ. नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसी बातों से हम लोगों को कोई लेना-देना नहीं है, कोई मतलब नहीं है. कोई जानकारी नहीं है. हम तो पूरा आश्चर्य में है. हमसे किसी ने कोई बात नहीं की है, कोई चर्चा नहीं की है. ऐसी कोई बात नहीं है.
यहां उल्लेखनीय है कि सिसायी गलियारे में यह चर्चा हो रही है कि प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को ये ऑफर दिया है कि वे राष्ट्रपति के अगले चुनाव में विपक्षी पार्टियों की ओर से उम्मीदवार बन जायें. चर्चा यह भी है कि प्रशांत किशोर ने इस मसले पर ममता बनर्जी से लेकर शरद पवार जैसे नेताओं से बात की है और वे नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर सहमत हैं.
लेकिन नीतीश ने ऐसी चर्चाओं को आज खारिज कर दिया. निर्वाचक मंडल में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के अलावा संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं. देश में शीर्ष पद के लिए कुमार के नाम पर उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की पार्टी राजद की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आयी हैं.
मीडिया के एक वर्ग द्वारा यह बताया जा रहा है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर विपक्षी दलों के बीच कुमार के पक्ष में राय बनाने में भूमिका निभा रहे हैं. वहीं जदयू नेता और राज्य के मंत्री श्रवण कुमार ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री शीर्ष पद के योग्य हैं. वह कुमार के विश्वासपात्र माने जाते हैं.