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रामविलास पासवान की पहली बरसी की तैयारी में जुटे हैं चिराग, पीएम मोदी, सोनिया गांधी, सीएम नीतीश और लालू प्रसाद यादव को न्योता

By एस पी सिन्हा | Updated: September 8, 2021 17:30 IST

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद चिराग पासवान ने बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात कर अपने पिता और लोजपा संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया.

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ठळक मुद्देरामविलास पासवान की पुण्यतिथि 12 सितंबर को है.चिराग पासवान ने छपे निमंत्रण कार्ड के स्क्रीनशॉट साझा किए थे.निमंत्रण कार्ड पर पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज के नाम भी हैं, जिन्होंने चिराग से मुंह मोड़ लिया है.

पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद चिराग पासवान अपने पिता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी पर 12 सितंबर को पटना में बडे़ आयोजन करने की तैयारी में जुटे हैं.

 

इसी सिलसिले में आज उन्होंने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की. उनकी मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा हो गई है. चिराग बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से मिलना चाहते हैं. लेकिन दिक्‍कत यह है कि उन्‍हें मुलाकात के लिए समय नहीं मिल रहा है. 

उधर, चिराग अपने पिता की बरसी में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को न्योता दिया है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमर के दवारा वक्त नही दिये जाने पर तेजस्‍वी यादव ने कहा कि चिराग पासवान अपने पिता राम विलास पासवान की बरसी पर आने के लिए न्‍योता देने के लिए मुख्‍यमंत्री से मिलना चाहते हैं. ऐसे वक्‍त में मुख्यमंत्री को समय निकाल कर उनसे मिल लेना चाहिए. वैसे भी मिलने से कोई नुकसान नहीं है.

इस दौरान मीडिया के सामने चिराग ने कहा कि लालू परिवार से उनका रिश्ता काफी पुराना रहा है. लालू यादव रामविलास पासवान के अच्छे मित्र थे. लालू यादव और रामविलास पासवान का रिश्ता एक साथी के तौर पर था. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान के द्वारा किसी भी तरह का पारिवारिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता था तब उसमें लालू यादव भी उपस्थित रहते थे.

अब वह वही रिश्ते को आगे बढाने को लेकर तेजस्वी यादव से मिलने आये हैं. चिराग ने कहा कि पिता की पहली बरसी पर होने वाले कार्यक्रम के लिए चिराग ने 10,000 निमंत्रण कार्ड छपवाए हैं. इस कार्ड में उन्होंने चाचा पशुपति पारस और भाई प्रिंस राज का नाम भी छपवाया है. यहां बता दें कि चिराग के चाचा में लोजपा पर कब्जा कर लिया है.

पार्टी के पांच में से चार सांसद पशुपति के साथ हैं. वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि हम रामविलास पासवान जी के घर के लोग हैं और आज चिराग पासवान हमसे मिलने आये है, जिसकी खुशी हमें है. रामविलास पासवान जी हम लोगों के अभिभावक रहे हैं. उनसे काफी कुछ सीखने के लिए मिला है.

इस दौरान मीडिया द्वारा तेजस्वी यादव और चिराग पासवान के एक साथ आने को लेकर भी सवाल किया गया. जिस पर चिराग पासवान ने स्पष्ट कर दिया कि इस मुलाकात के राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाये. मैं अभी पारिवारिक कार्यक्रम के लिए उन्हें सिर्फ आमंत्रित करने आया हूं.

यहां उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसे ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है, जब चिराग पासवान की उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के साथ पिता की विरासत को लेकर लड़ाई चल रही है. तेजस्वी और चिराग के बीच इस मुलाकात का विशेष राजनीतिक महत्व है क्योंकि अपनी पिता की विरासत पर दावे को लेकर चिराग की अपने चाचा पशुपति पारस के साथ विवाद चल रहा है. इधर, बिहार चुनाव नतीजों के बाद पहली बार चिराग पासवान और तेजस्वी यादव मिले हैं.

जानकारों का कहना है कि चिराग पासवान अब तक खुद को राजग का हिस्सा बताते रहे हैं. पहले चाचा को मंत्री पद और अब बंगला खाली करने का नोटिस आने के बाद वह खुद को राजग में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. बिहार में 'आशीर्वाद यात्रा' के जरिए चिराग अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में लगे हुए हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव और चिराग की मुलाकात के सियासी मायने हैं.

लोगों के बीच यह चर्चा है कि लोजपा नेता इस मुलाकात के जरिए एक राजनीतिक संकेत देना चाहते हैं. तेजस्वी यादव पहले भी चिराग को अपने साथ आने का न्योता दे चुके हैं. तेजस्वी ने याद दिलाया था कि साल 2010 में राम विलास पासवान को लालू प्रसाद यादव ने राज्यसभा भेजने में मदद की थी, जब लोजपा के कोई विधायक नहीं थे.

लालू यादव का भी कहना है कि दोनों युवा नेताओं को एक साथ आना चाहिए. चिराग भी तेजस्वी को कई मौकों पर अपना छोटा भाई बता चुके हैं. हालांकि मुलाकात के बाद आज चिराग ने मीडिया को बताया कि इस मुलाकात के कोई राजनीतिक मायने नहीं हैं. बता दें कि केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का निधन पिछले साल 8 अक्टूबर को हुआ था.

टॅग्स :लोक जनशक्ति पार्टीरामविलास पासवानतेजस्वी यादवलालू प्रसाद यादवनरेंद्र मोदीBJP
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