Ayodhya Ram mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही अपने आराध्य के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ गई है। राम मंदिर के कपाट मंगलवार, 23 जनवरी को आम जनता के लिए खोले गए थे। केंद्र सरकार के मंत्रियों और कई भाजपा शाषित राज्यों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पूरी कैबिनेट के साथ रामलला के दर्शन के लिए जाने का फैसला किया। लेकिन इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने एक अपील की है जिससे राजनेताओं की योजना टल सकती है।
दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार, 24 जनवरी को कैबिनेट बैठक की। सरकारी सूत्रों के हवाले से एएनआई ने बताया कि आज की कैबिनेट बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सभी कैबिनेट सहयोगियों को फिलहाल अयोध्याराम मंदिर जाने से परहेज करने की सलाह दी। पीएम ने सुझाव दिया कि, भारी भीड़ के कारण और प्रोटोकॉल वाले वीआईपी के कारण जनता को होने वाली असुविधा को रोकने के लिए, केंद्रीय मंत्रियों को मार्च में अयोध्या की अपनी यात्रा की योजना बनानी चाहिए।
बता दें कि अयोध्या में भक्तों की भीड़ का आलम ये है कि स्थानीय और अन्य राज्य के लोगों समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु सोमवार, 22 जनवरी की देर रात को ही मंदिर परिसर की ओर जाने वाले राम पथ पर मुख्य द्वार के समीप एकत्रित हो गए। मंगलवार 23 जनवरी की सुबह रामलला के दर्शने के लिए भक्तों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। दोपहर साढ़े तीन बजे तक कम से कम ढाई लाख भक्तों ने रामलला के दर्शन कर लिए थे। इस दिन 5 लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किए।
यूपी की योगी सरकार ने देश के प्रमुख नेता और अधिकारियों (वीआईपी दर्शनार्थियों) से यह अपील की जाए की वह अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के लिए आने के एक सप्ताह पहले प्रशासन को अपने कार्यक्रम की जानकारी दें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा है कि अयोध्या पहुंच रहे सभी रामभक्तों को रामलला का दर्शन मिले ये हमारा कर्तव्य है। लेकिन अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए पूरे देश से उमड़ रहे जनसैलाब को देखते हुए अयोध्या में कुछ कड़े फैसले लेना भी सरकार की मजबूरी है।