नई दिल्लीः राज्यसभा की सदस्य एस फान्गनॉन कोन्याक ने मंगलवार को उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन किया। वह ऐसा करने वाली नगालैंड की पहली महिला सदस्य हैं।
भोजनावकाश के बाद राज्यसभा में, छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, साओंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव वाले संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 पर चर्चा हो रही थी तब वह आसन पर आईं।
सदन में मौजूद सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनका अभिनंदन किया। जब यह विधेयक पारित हुआ, उस समय कोन्याक ही उपाध्यक्ष के रूप में आसीन थीं। उच्च सदन ने चर्चा के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक पर चर्चा के दौरान, मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
विधेयक के पारित होने के बाद उपराष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘एस. फान्गनॉन कोन्याक राज्यसभा की अध्यक्षता करने वाली नगालैंड की पहली महिला सदस्य बनीं।’’ राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने पिछले हफ्ते उच्च सदन के उपाध्यक्षों के पैनल का पुनर्गठन किया था और इसमें 50 प्रतिशत महिला सदस्यों को स्थान दिया गया था।
आठ सदस्यीय उपाध्यक्षों के पैनल में पी टी उषा (मनोनीत), एस. फान्गनॉन कोन्याक (भारतीय जनता पार्टी), फौजिया खान (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी), सुलता देव (बीजू जनता दल), वी. विजयसाई रेड्डी (वाईएसआर कांग्रेस), घनश्याम तिवाड़ी (भाजपा), एल. हनुमंतय्या (कांग्रेस) और सुखेन्दु शेखर राय (तृणमूल कांग्रेस) शामिल हैं। जिन चार महिला सदस्यों को पैनल में शामिल किया गया है, वह सभी पहली बार राज्यसभा की सदस्य बनी हैं।