राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने एक दिन के लिए उपवास पर बैठने का फैसला किया है। इस संबंध में उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू को भी पत्र लिखा हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य सभा में जो कुछ हुआ, वे इससे आहत हैं और पिछले दो दिनों से वेदना में हैं।
वहीं, इस पूरे मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया है। हरिवंश ने राष्ट्रपति और राज्य सभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा है कि वे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, तनाव और मानसिक वेदना में हैं और पूरी रात सो नहीं सके।
इससे पहले हरिवंश मंगलवार सुबह संसद परिसर में उन 8 राज्यसभा सांसदों से भी मिलने पहुंचे जिन्हें निलंबित किया गया है और वे धरन पर रात भर बैठे रहे। रिपोर्ट्स के अनुसार हरिवंश की ओर से चाय का प्रस्ताव भी किया गया लेकिन सांसदों ने स्वीकार नहीं किया था।
बिहार चुनाव और पीएम मोदी का ट्वीट
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने उपसभापति हरिवंश की तारीफ की है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया- 'हरिवंश जी उन लोगों के लिए चाय लेकर गए जिन्होंने उनपर हमला किया और अपमानित किया। यह उनकी महानता को दिखाता है।'
पीएम मोदी ने लिखा कि बिहार की धरती लंबे समय से लोकतंत्र के महत्व को बताती आई है। ऐसे में बिहार से सांसद और राज्य सभा के डिप्टी चेयरपर्सन हरिवंश का आज का व्यवहार लोकतंत्र के हर प्रेमी को गर्व महसूस कराएगा।
हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव नोटिस को खारिज कर दिया। वहीं, रविवार को सदन में अमर्यादित आचरण को लेकर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित विपक्ष के आठ सदस्यों को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
निलंबित किए गए सदस्यों में कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल के ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम व आप के संजय सिंह शामिल हैं। इन सांसदों ने कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान हंगामा किया था।
हंगामा इतना बढ़ा कि कुछ सदस्यों ने कोविड-19 संबंधी सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। माइक उखाड़े गए और नियमों की पुस्तिका फेंकी गयी। कुछ सदस्य मेज पर खड़े भी हो गए।