अहमदाबाद: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार, 17 अप्रैल को गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में 'सौराष्ट्र-तमिल संगमम' कार्यक्रम का उद्घाटन किया। रक्षा यहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधने से नहीं चूके और बिना उनका नाम लिए कहा कि जो लोग कुछ और करने में सक्षम नहीं हैं, वह भारत को जोड़ने के लिए निकल पड़ते हैं जो पहले ही 'एकजुट और अविनाशी' है।
राजनाथ सिंह ने देश की पहचान को बनाए रखने के लिए "सांस्कृतिक सुरक्षा" को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सभ्यता, धर्म और संस्कृति को समर्पित गतिविधियों को देखते हुए कह सकते हैं कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण हम पर निर्भर करता है। आप सभी सीमा सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के बारे में जानते हैं। अब अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा जैसे नए आयाम भी जुड़ गए हैं। हाँ, सुरक्षा का एक और आयाम है जो उतना ही महत्वपूर्ण है और वह आयाम है हमारी संस्कृति का। इसे सांस्कृतिक सुरक्षा भी कहा जा सकता है। जिस तरह किसी राष्ट्र की पहचान को अक्षुण्ण रखने के लिए सीमाओं की सुरक्षा और अन्य चीजों की जरूरत होती है, उसी तरह देश की पहचान को बनाए रखने के लिए उसकी संस्कृति की सुरक्षा भी जरूरी है। भारत की सांस्कृतिक परंपरा इतनी मजबूत है कि तेज आंधी भी इसे हिला नहीं सकती।"
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, "भारत आपको द्वादश ज्योतिर्लिंगों में मिलेगा, 52 शक्तिपीठों में मिलेगा और चार धामों में मिलेगा। भारत, आपको शंकराचार्य और संत तिरुवल्लुवर के ज्ञान में दिखाई देगा, कबीर और गुरुनानक की बानी में दिखाई देगा, नरसी मेहता, श्री शंकरदेव, तुलसी, सूर और मीरा की भक्ति में दिखाई देगा। भारत हमारे लिए कोई बाहरी चीज़ नहीं है। भारत हमारे भीतर बसता है, और इसलिए भारत की परिभाषा देना बड़ा कठिन कार्य है। भारत दिमाग से समझने की चीज नहीं है, भारत अनुभूति का विषय है। भारत को, यहाँ के जन-जन के अंतर्मन में पहुँच कर ही जाना जा सकता है, अनुभव किया जा सकता है। इसलिए भारत को आप खोजने निकलेंगे, तो वह आपको निष्ठा के साथ खेती करते किसान में मिलेगा, मज़दूर में मिलेगा, और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा में संलग्न यहाँ की जनता में मिलेगा।"
इस दौरान रक्षामंत्री ने अयोध्या में बन रहे राममंदिर का भी जिक्र करते हुए कहा कि कहा कि एक बार देश की जनता के दिलों में बसने वाले भगवान राम के लिए अयोध्या में जगह तलाशना मुश्किल हो गया था। कई पीढ़ियां तो यह सोचते हुए ही खत्म हो गईं कि राम मंदिर का निर्माण हो भी पाएगा या नहीं। लोगों ने हमारा मजाक उड़ाया और इसके निर्माण की तारीख पूछी। अब पीएम मोदी के नेतृत्व में आखिरकार भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। एक बार भव्य मंदिर का निर्माण पूरा हो जाए फिर इसके निर्माण की तारीख के बारे में पूछने वालों को भी इसके उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।