राजस्थानः आर्टिकल 370 हटाने पर ऐसा है प्रदेश के नेताओं का नजरिया!

By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 6, 2019 07:04 PM2019-08-06T19:04:27+5:302019-08-06T19:04:27+5:30

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ किए गए सियासी व्यवहार का विरोध करते हुए ट्वीट किया कि हमारे लिए एक प्रगतिशील, जीवंत लोकतंत्र होने के लिए जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक दलों और स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल करने की जरूरत है.

Rajasthan: The removal of Article 370 is the view of the leaders of the state! | राजस्थानः आर्टिकल 370 हटाने पर ऐसा है प्रदेश के नेताओं का नजरिया!

राजस्थानः आर्टिकल 370 हटाने पर ऐसा है प्रदेश के नेताओं का नजरिया!

Highlightsपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने धारा 370 हटाए जाने के संबंध में कई ट्वीट किए।उन्होंने यह भी लिखा कि वर्ष 1992 में जब जम्मू-कश्मीर में तिरंगे के नाम से ही कर्फ्यू के हालात बन जाते थे।

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर राजस्थान कांग्रेस के नेता सतर्कता के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, वहीं बीजेपी नेता प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं की टिप्पणियां शेयर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीटर हैंडल पर इस बारे में राहुल गांधी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आदि की टिप्पणियां शेयर की है.

साथ ही उन्होंने ट्वीट किया कि जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, दो पूर्व सीएम की गिरफ्तारी निंदनीय है और इसे टाला जा सकता था. सरकार को जम्मू-कश्मीर के नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए था, इसके बजाय उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाना सरकार का पहला फैसला है

अलबत्ता, राजस्थान के युवा मामलात और खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना ने बतौर निजी राय जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का स्वागत किया है. चांदना ने ट्वीट किया कि यह मेरी निजी राय है, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाना सरकार का पहला फैसला है, जिसका मैं स्वागत करता हूं, लेकिन 370 बदलने के तरीके का क्रियान्वरण तानाशाही से ना होकर शांति और विश्वास के माहौल में होकर इसका अच्छे से निस्तारण हो, ताकि भविष्य में देश के किसी नागरिक को कोई समस्या ना हो.

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ किए गए सियासी व्यवहार का विरोध करते हुए ट्वीट किया कि हमारे लिए एक प्रगतिशील, जीवंत लोकतंत्र होने के लिए जम्मू-कश्मीर में सभी राजनीतिक दलों और स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल करने की जरूरत है.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने धारा 370 हटाए जाने के संबंध में कई ट्वीट किए, उन्होंने यह भी लिखा कि वर्ष 1992 में जब जम्मू-कश्मीर में तिरंगे के नाम से ही कर्फ्यू के हालात बन जाते थे, तब मुरली मनोहर जोशी, राजमाता, नरेन्द्र मोदी जैसे राष्ट्रप्रेमियों ने आतंकियों की धमकियों के बीच गणतंत्र दिवस पर लाल चैक में तिरंगा फहराया था. उन्होंने उस वक्त की तस्वीर भी शेयर की है.

Web Title: Rajasthan: The removal of Article 370 is the view of the leaders of the state!

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