जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर राजस्थान कांग्रेस में भारी हलचल दिखाई दे रही है। जाहिर है ये हलचल गहलोत के सीएम पद के उत्तराधिकारी को लेकर है। इस बीच सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से राज्य के मुख्यमंत्री को पार्टी प्रमुख के लिए होने वाले चुनाव की दौड़ से बाहर करने का आग्रह किया है। साथ ही कमेटी ने शीर्ष पद के लिए उनकी जगह किसी अन्य उम्मीदवार का चयन करने की मांग की है।
वहीं जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, कल जो भी कुछ हुआ उससे हमने कांग्रेस अध्यक्ष को अवगत कराया है। अंत में जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसका सभी को पालन करना होगा। पार्टी को एकजुट रखना है और पार्टी में अनुशासन रहना चाहिए।
संकटग्रस्त राज्य में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और गहलोत खेमे के विधायकों के आचरण से नाराज सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने पार्टी प्रमुख के पास उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और कहा है, “उन पर विश्वास करना और उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी देना अच्छा नहीं होगा। लिहाजा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को उनकी उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करना चाहिए।"
सदस्यों ने सोनिया गांधी से एक और ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने का आग्रह किया है जो वरिष्ठ नेता हो और गांधी परिवार के प्रति भी वफादार हो। अशोक गहलोत के कहने पर सोनिया गांधी ने पार्टी नेतृत्व द्वारा जयपुर भेजे गए दो पर्यवेक्षकों- मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से मुलाकात नहीं करने पर उनके खेमे के विधायकों का संज्ञान लिया है।
गौरतलब है कि गहलोत खेमे के विधायक कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। परिस्थितियों को देखते हुए, दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक जैसे पार्टी के अन्य नेता संभावित उम्मीदवारों की सूची में कुछ नाम हैं। पार्टी के शीर्ष पद की दौड़ में शामिल शशि थरूर 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे।