राहुल मंत्र: कम सीटों पर लड़ो, अधिक सीटें जीतो; सिर्फ 396 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

By हरीश गुप्ता | Published: April 7, 2019 07:46 AM2019-04-07T07:46:54+5:302019-04-07T10:01:52+5:30

Election 2019: इस बार पार्टी करीब 396 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अधिकांश राज्यों में गठबंधन होगा, जो उसके लिए मायने रखते हैं.

Rahul Mantra: Fight on fewer seats, win more seats; Congress will contest only 396 seats | राहुल मंत्र: कम सीटों पर लड़ो, अधिक सीटें जीतो; सिर्फ 396 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

राहुल मंत्र: कम सीटों पर लड़ो, अधिक सीटें जीतो; सिर्फ 396 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

Highlightsराहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले का मकसद देशभर में चुनाव प्रचार के लिए स्वतंत्र होना है. राहुल गांधी ने युवा चेहरों को आगे बढ़ाकर पार्टी को आक्रामक बनाया है।पिछले लोकसभा चुनाव से सबक लेते हुए पार्टी कम सीटों पर लड़कर ज्यादा सीट जीतना चाहती है

Lok Sabha Chunav 2019: 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 464 सीटों से चुनाव लड़कर 44 सीटें हासिल की थीं, जो अब तक की सबसे कम संख्या है. महाराष्ट्र, बिहार, केरल और झारखंड को छोड़कर पूरे देश में इसका कोई सहयोगी नहीं था. हालांकि, इस बार पार्टी करीब 396 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अधिकांश राज्यों में गठबंधन होगा, जो उसके लिए मायने रखते हैं. दिल्ली और पड़ोसी राज्य हरियाणा में आप के साथ गठबंधन करने की स्थिति में यह आंकड़ा कम हो सकता है, लेकिन उसे अधिक सीटों पर जीत मिल सकती है.

कुछ राज्यों में इसके मजबूत सहयोगी हैं. कांग्रेस को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और असम सहित पूर्वोत्तर में लाभ होने की उम्मीद है. दिलचस्प बात यह है कि आंध्र प्रदेश में यह कोई सीधा गठबंधन नहीं कर सभी 25 सीटों से चुनाव लड़ेगी, लेकिन यह मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को तदेपा विरोधी वोटों में कटौती करने में मदद करेगा. वास्तव में तदेपा को लाभ हो सकता है क्योंकि उसके विरोधी वोट कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस और भाजपा के बीच विभाजित होंगे.

कांग्रेस के लिए राहत की बात यह भी है कि तेरास ने फिलहाल भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं किया है. महाराष्ट्र में कांग्रेस ने मजबूत गठबंधन किया है. इसने राकांपा, स्वाभिमान पक्षे और बहुजन विकास आघाड़ी के लिए 23 सीटें छोड़ी हैं. इसी तरह, कर्नाटक और केरल में यह अपनी सीट और वोट बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. कर्नाटक में उसे लोकसभा की 9 सीटें और केरल में 8 सीटें हासिल हुई थीं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जनता दल (एस) के साथ गठबंधन का निर्णय लिया. कांग्रेस और जद (एस) का लक्ष्य संयुक्त रूप से कम से कम 16-18 सीटें हासिल करना है. इसी तरह, राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने के फैसले का मकसद देशभर में चुनाव प्रचार के लिए स्वतंत्र होना है.

बिहार में 4-5 सीटें जीतने की आस

पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बिहार में 12 सीटों से लड़कर 2 सीटें हासिल कीं. इस बार वह 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है ताकि उसे 4-5 सीटें मिल जाएं. तमिलनाडु में कांग्रेस अपने दम पर सभी 39 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन खाली हाथ रही. अब वहां यह द्रमुक के साथ गठबंधन के तहत 8 सीटों पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज करना चाहती है. वहीं, उत्तर प्रदेश में उसका सपा, बसपा के साथ गठबंधन नहीं हो पाया. वहां कांग्रेस 51 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कुछ सीटों पर उम्मीदवार खड़े हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से सपा उम्मीदवारों की मदद करेंगे.

पार्टी को आक्रामक बनाया

राहुल गांधी के.सी. वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, दीपक बाबरिया, शक्तिसिंह गोहिल, अविनाश पांडे, जितेंद्र सिंह, राजीव सातव, सुष्मिता देव, आर.पी.एन. सिंह, गौरव गोगोई जैसे चेहरों को आगे बढ़ाकर पार्टी को आक्रामक बनाया है.

English summary :
Lok Sabha Chunav 2019: In the Lok Sabha elections 2014, Congress won 44 Parliamentary seats while contesting on 464 Lok Sabha seats, which is the lowest number so far. However in Lok Sabha Chunav 2019 Rahul Gandhi lead Congress party will contest the general elections on about 396 Lok Sabha seats and will have alliance in most of the states.


Web Title: Rahul Mantra: Fight on fewer seats, win more seats; Congress will contest only 396 seats