नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे को लेकर शनिवार को सरकार पर नए सिरे से निशाना साधा।
राहुल गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि चोर की दाढ़ी…। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे को मुख्य मुद्दा बनाया था और इसको लेकर नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला था।
इस रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह सामने आएं और ‘राफेल घोटाले’ की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने का आदेश दें। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ फ्रांस में जो ताजे खुलासे हुए हैं, उनसे साबित होता है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ।
कांग्रेस और राहुल गांधी की बात सही साबित हुई। अब यह घोटाला सबके सामने आ चुका है।’’ बहरहाल, इस मामले पर सरकार या भाजपा की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार ने इस विमान सौदे पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया था।
कांग्रेस का आरोप है कि इस सौदे में बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई है और 526 करोड़ रुपये के एक विमान की कीमत 1670 करोड़ रुपये अदा की गई। उसने 2019 के लोकसभा चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। भाजपा और सरकार की तरफ से आरोपों को कई मौकों पर खारिज किया गया और यह कहा गया कि उच्चतम न्यायालय इस मामले में क्लीन चिट दे चुका है।
राहुल गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘राफेल (सौदे) में भारतीय खजाने से पैसे चोरी कर लिए गए।’’ कांग्रेस नेता ने महात्मा गांधी के एक कथन का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सत्य एक है, रास्ते अनेक हैं।’’
उन्होंने जिस खबर का हवाला दिया उसके मुताबिक, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रक्षा ‘ऑफसेट’ अनुबंधों को लेकर अपनी ‘परफॉर्मेंस ऑडिट’ रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है जिसमें राफेल विमानों की खरीद के संदर्भ में किसी ‘ऑफसेट’ अनुबंध का उल्लेख नहीं है।
कांग्रेस ने राफेल सौदे में एक ‘बिचौलिये’ से संबंधित आरोपों को लेकर सरकार पर नए सिरे से निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग की। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि इस विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है और सरकारी खजाने को 21,075 करोड़ रुपये की चपत लगी है।
उन्होंने एक फ्रांसीसी समाचार पोर्टल की खबर का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया है कि राफेल सौदे में एक ‘बिचौलिये’ की भूमिका थी। सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘एक बिचौलिया कैसे इतना शक्तिशाली हो सकता है कि वह सबसे बड़े रक्षा सौदे में मोदी सरकार के निर्णयों को प्रभावित कर दे? क्या इसकी गहन और स्वतंत्र जांच नहीं होनी चाहिए?’’ उन्होंने कहा कि सरकार अब छिप नहीं सकती और उसे देश के लोगों को जवाब देना होगा।