चंडीगढ़:पंजाब में आम आदमी पार्टी की नई सरकार नए-नए फैसले ले रही है। भगवंत मान सरकार ने शुक्रवार को एक ऐसा फैसला लिया है, जिसका असर सीधे राज्य के मौजूदा विधायकों और पूर्व विधायकों पर पड़ेगा। यह फैसला है 'एक विधायक एक पेंशन'। यानी अब राज्य में एक व्यक्ति चाहें कितनी बार विधायक क्यों न चुना जाए, लेकिन उसे सरकार की ओर से मिलने वाली पेंशन केवल एकबार के कार्यकाल के लिए ही मिलेगी।
आप विधायकों ने 'एक विधायक एक पेंशन' योजना की मांग की थी
बता दें कि आम आदमी पार्टी के विधायकों ने विधायकों व पूर्व विधायकों को एक से अधिक मासिक पेंशन देने के विरोध में 'एक विधायक-एक पेंशन की मांग की है, जिसके मान सरकार ने अमल में लाने का प्रयास किया है। इस संबंध में बीते मंगलवार को आप विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में विधानसभा स्पीकर राणा के पी सिंह को एक ज्ञापन सौंपा था।
विधायकों/पूर्व विधायकों को एक से अधिक मासिक पेंशन का किया था विरोध
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने मांग की थी कि एक से अधिक बार विधायक बनने वाले विधायकों/पूर्व विधायकों को एक से अधिक मासिक पेंशन का विरोध करते हुए कहा था कि वेतन वृद्धि आदि के नाम पर इस तरह का वित्तीय लाभ नैतिक और सैद्धांतिक रूप से गलत है। इसलिए एक विधायक को एक सरकारी कर्मचारी के समान पेंशन दी जानी चाहिए, चाहे वह कितनी भी बार विधायक रहा हो।
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी ने राज्य में अपनी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई है। भगवंत मान के चेहरे पर लड़े गए विधानसभा चुनाव में पार्टी को 117 विधानसभा में से 92 सीटों में जीत मिली है।