पंजाब: लुधियाना विस्फोट मामले का संदिग्ध बर्खास्त पुलिसकर्मी था, दो साल जेल में रहा, सितंबर में मिली जमानत, टैटू से हुई पहचान
By विशाल कुमार | Published: December 25, 2021 09:12 AM2021-12-25T09:12:27+5:302021-12-25T09:17:57+5:30
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 30 वर्षीय गगनदीप सिंह लुधियान के खन्ना स्थित लालहेरी रोड का निवासी था और उसे मादक पदार्थ के किसी मामले में हेड कांस्टेबल पद से बर्खास्त कर दिया गया था। खन्ना में गगननदीप के परिवार ने भी उसकी पहचान की है।
चंडीगढ़:पंजाब के लुधियाना जिला अदालत परिसर में विस्फोट में मारे गये व्यक्ति की पहचान राज्य पुलिस के एक बर्खास्त हेड कांस्टेबल के तौर पर की गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 30 वर्षीय गगनदीप सिंह लुधियान के खन्ना स्थित लालहेरी रोड का निवासी था और उसे मादक पदार्थ के किसी मामले में हेड कांस्टेबल पद से बर्खास्त कर दिया गया था। खन्ना में गगननदीप के परिवार ने भी उसकी पहचान की है।
इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में बताया कि अगस्त 2019 में गिरफ्तारी के बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और इस साल सितंबर में जमानत मिलने से पहले उसने दो साल जेल में बिताए थे।
मामले की सुनवाई शुक्रवार को लुधियाना के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शातिन गोयल की अदालत में होनी थी। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि सुनवाई से एक दिन पहले वह कोर्ट क्यों गया?
उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अखबार से इसकी पुष्टि की। रंधावा ने कहा कि उसके शरीर पर एक टैटू और मौके से बरामद एक मोबाइल फोन से उसकी पहचान की गई।
उल्लेखनीय है कि अदालत परिसर में विस्फोट की घटना बृहस्पतिवार को हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि छह अन्य घायल हो गये थे।
घटना के बाद लुधियाना के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा था कि पुलिस का मानना है कि वह व्यक्ति अपने शरीर पर विस्फोटक ले जा रहा था या उन्हें लगाने की योजना बना रहा था। धमाका कोर्ट परिसर की दूसरी मंजिल के वॉशरूम में हुआ था।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि गगनदीप जेल में कट्टरपंथी तत्वों के संपर्क में आया था और वे इस बात की जांच कर रहे थे कि क्या विस्फोट अगले साल होने वाले पंजाब चुनाव से जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि एनआईए की एक टीम ने शुक्रवार शाम खन्ना में गंगनदीप के आवास का दौरा किया, जब उनके परिवार ने उनकी पहचान की।
गुरुवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि विस्फोट की जांच को स्वर्ण मंदिर में बेअदबी की कोशिश और अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच से जोड़ा जाएगा।