चडीगढ़, 10 सितंबर केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों से पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने तक अपने चुनाव अभियान निलंबित रखने का अनुरोध किया ताकि उनके आंदोलन की ओर ध्यान केंद्रित रहे।
बैठक की अध्यक्षता करने वाले किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने कहा है कि वे अपनी पार्टी के नेतृत्व से चर्चा करने के बाद इस बारे में निर्णय की घोषणा करेंगे।
कांग्रेस का प्रतिनिधित्व उसकी पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने किया। बैठक के बाद सिद्धू ने ट्वीट किया, '' संयुक्त किसान मोर्चा के साथ एक सकारात्मक बैठक हुई और आगे के रास्ते को लेकर चर्चा हुई।''
इन दोनों दलों के अलावा आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लोक इंसाफ पार्टी और शिअद (संयुक्त) के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया जबकि कृषि कानूनों के पक्ष में रहने के चलते भारतीय जनता पार्टी को बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया।
इस बीच, अकाली दल ने किसान संगठनों से अनुरोध किया कि वे पंजाब में राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी नहीं लगाएं और जोर दिया कि प्रदर्शनकारी संगठनों को आंदोलन के राष्ट्रीय स्तर के स्वरूप को बरकरार रखना चाहिए।
राजेवाल ने कहा, '' हमने दलों से अनुरोध किया है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा होने तक प्रचार अभियान शुरू नहीं किया जाना चाहिए। जो दल चुनाव की तारीखों की घोषणा होने से पहले प्रचार अभियान शुरू करने की जिद करेगी, हम उसे किसान आंदोलन का विरोधी मानेंगे।''
लगभग पांच घंटे चली बैठक के बाद राजेवाल ने संवाददाताओं से कहा, '' क्योंकि हमारा मोर्चा (आंदोलन) जारी है, ऐसे में किसानों का ध्यान मोर्चा की तरफ केंद्रित है। जब दल चुनाव प्रचार अभियान शुरू करेंगे और अपने कार्यक्रमों के लिए समर्थकों को जुटाएंगे तो इससे उनका ध्यान भटकेगा।''
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पार्टी के प्रदेश महासचिव परगट सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत सिंह नागरा ने बैठक में हिस्सा लिया, जबकि शिअद की तरफ से बलविंदर सिंह भुंडर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा और दलजीत सिंह चीमा शामिल हुए। आप विधायक कुल्तार सिंह संधवान, लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस और शिअद (संयुक्त) के सुखदेव सिंह ढींढसा भी बैठक में मौजूद रहे।
राजनीतिक दलों को बैठक के लिए अलग-अलग समय दिया गया था, ऐसे में कई नेता बैठक स्थल पर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे।
राजेवाल ने कहा कि उन्होंने विधायकों और सांसदों से कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के बाहर धरना देने की भी अपील की। साथ ही राज्य में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने की भी अपील की गई।
कांग्रेस नेता कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि वह किसान संगठनों की तरफ से उठायी गई मांगों के बारे में पार्टी मंच पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही और कृषि कानूनों के खिलाफ पार्टी का किसानों को पूरा समर्थन है।
शिअद नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा और महेंद्र सिंह ग्रेवाल ने आरोप लगाया कि आंदोलन को पंजाब तक सीमित करने के लिए केंद्र द्वारा साजिश रची गई है ताकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर इसे दबाया जा सके।
उन्होंने कहा कि अन्य किसी भी राज्य में किसान आंदोलन के चलते राजनीतिक गतिविधियां नहीं थमी हैं। शिअद नेताओं ने यह भी कहा कि वे ऐसे किसी भी दिन रैली का आयोजन नहीं करेंगे, जिस दिन संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब में किसी बड़े कार्यक्रम की घोषणा की हो।
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