पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पंजाब में देती है आतंकवाद को बढ़ावा: सीएम अमरिंदर सिंह
By कोमल बड़ोदेकर | Published: March 22, 2018 02:47 PM2018-03-22T14:47:04+5:302018-03-22T16:03:49+5:30
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह बयान उन रिपोर्ट्स के बाद आया जिसमें सिख नौजवानों के आईएसआई में शामिल होने की बात कही जा रही है।
अमृतसर, 22 मार्च। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई में सिख समुदाय के युवाओं को ट्रेनिंग दिए जाने की रिपोर्ट पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि इसमें कुछ नया नहीं है। ये एक पाकिस्तानी आतंकी संगठन है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के खिलाफ कर रहा है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक संसदीय समिति को अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान में आईएसआई के ठिकानों पर सिख युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वे भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकें।
What is new in this? Has been happening. Who do you think supports and props up these gangsters? It is #Pakistan's ISI: Punjab Chief Minister Capt Amarinder Singh on reports that ISI is recruiting Sikh youth for terror through social media pic.twitter.com/6h7KAunUQZ
— ANI (@ANI) March 22, 2018
इसके अलावा, कनाडा और अन्य जगहों पर बसे सिख युवाओं को भी भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है। केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई वाली आकलन समिति को यह भी बताया कि आतंकी संगठन इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर युवाओं को भड़का रहे हैं, उन्हें कट्टर व जेहादी बना रहे हैं।
इसके अलावा पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इराक में ISIS द्वारा मारे गए पंजाब के 24 भारतीय के मृत अवशेषों को वापिस लाने के लिए विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह से चर्चा की है। वह पहले ही इस मुद्दे पर केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिख चुके हैं और उनसे फोन पर बात भी की थी।
उन्होंने मीडिया से कहा कि वी के सिंह ने उनसे कहा है कि मारे गए लागों के मृत अवशेषों को भारत पहुंचने में लगभग एक सप्ताह का समय लग जाएगा। मारे गये लोगों के मृत अवशेषों के ताबुत की अमृतसर में पहुंचने की संभावना है क्योंकि इनमें से अधिकतर लोग पंजाब के माझा और दोआबा क्षेत्रों के रहने वाले थे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार मृतकों के पारिवारिक सदस्यों के लिए रोजग़ार ढूंठने का यत्न करेगी और इन पीडि़त परिवारों को पहले ही दी जा रही 20 हजार रुपए की मुआवजा राशि मिलनी जारी रहेगी।