चंडीगढ़, 16 जूनः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से पूछा है कि क्या उनकी पार्टी के नेता आजाद खालिस्तान का समर्थन करते हैं? शुक्रवार को विपक्ष के नेता सुखपाल खैरा ने कहा था कि वो सिख रेफरेंडम 2020 (खालिस्तान) का समर्थन करते हैं। कैप्टन अमरिंदर ने उनके इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह रेफरेंडम पंजाब को भारत से विभाजित करने की बात करता है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को इस मुद्दे पर अपनी पार्टी के नेताओं का स्टैंड साफ करना चाहिए।
2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी आम आदमी पार्टी पर खालिस्तान समर्थक तत्वों से जुड़े होने की खबरें आई थी। जिस पर पार्टी को सफाई देनी पड़ी थी। शुक्रवार को पंजाब में आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता सुखपाल खैरा ने कहा कि वो सिख रेफरेंडम 2020 आंदोलन का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि सिखों को खुद पर हुए अत्याचार के लिए इंसाफ मांगने का हक है। इसके लिए विदेशों में कई संगठन वहां के कानून के हिसाब से काम कर रहे हैं।
अकाली दल ने खैरा के इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी बांटने की राजनीति करती है। अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि इस रेफरेंडम का पहला एजेंडा सिखों के लिए भारत से अलग एक देश बनाना है। मजीठिया ने कहा, 'अकाली दल भी सिखों के न्याय के लिए संघर्ष करती है लेकिन किसी को भी देश बांटने और आतंक के साए में घसीटने की अनुमति नहीं है।'
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अकील दल ने भी अरविंद केजरीवाल से पूछा है कि क्या वो भी खैरा के बयान का समर्थन करते हैं। मजीठिया ने कहा कि अगर केजरीवाल रेफरेंडम 2020 का समर्थन नहीं करते तो उन्हें खैरा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। वो देश तोड़ने की बात कर रहे हैं।
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