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चौंकाने वाला खुलासा! छह वर्षों में सरकार के खिलाफ 10 गुना तक बढ़ी जनशिकायतें, RTI में मिली जानकारी

By हरीश गुप्ता | Updated: December 14, 2020 07:45 IST

सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मिले जवाब में ये बात सामने आई है कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद शिकायतों के प्रवाह में साल-दर-साल तेजी देखी गई है। शिकायतों के साथ इसके निपटान की दर भी बढ़ी है।

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ठळक मुद्देजनशिकायतों में लगातार वृद्धि, कार्मिक एवं लोक शिकायत विभाग से आरआरटीआई में मिली जानकारीयूपीए कार्यकाल (2009-2013) की पांच साल की अवधि के दौरान 8.57 लाख शिकायतें मिली थींसाल 2014 में तीन लाख, 2015 में दस लाख से अधिक और 2019 में करीब 19 लाख शिकायतें आईं

नई दिल्ली: पिछले छह सालों में विभिन्न सरकारी विभागों के खिलाफ जनता की शिकायतों में अत्यधिक उछाल आया है. 2015 के बाद से जनशिकायतों का विभाग सीधे प्रधानमंत्री के मातहत कार्य कर रहा है. इसने इस दौरान आम जनता की शिकायतों में खतरनाक दस प्रतिशत की वृद्धि देखी है.

इस संवाददाता द्वारा दायर सूचना के अधिकार (आरटीआई ) के तहत एक आवेदन के जवाब में, कार्मिक और लोक शिकायत विभाग (डीओपीटी) ने खुलासा किया कि यूपीए (2009-2013) की पांच साल की अवधि के दौरान 8.57 लाख शिकायतें मिली थीं. ये शिकायतें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के खिलाफ थीं जो सवालों का पर्याप्त रूप से जवाब देने में विफल रहे.

पीएम नरेंद्र मोदी के आने के बाद लगातार बढ़ी शिकायतों की दर 

2014 में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के आगमन के बाद शिकायतों के प्रवाह में साल-दर-साल वृद्धि देखी गई. यदि 2014 में शिकायतें तीन लाख थीं, तो वे 2015 में सीधे दस लाख से अधिक हो गईं, 2016 में 15 लाख और 2019 में लगभग 19 लाख शिकायतें आईं .

छह साल की अविध में यह लगभग दस गुना अधिक हैं. आरटीआई के तहत दिए गए जवाब में डीओपीटी द्वारा दिए गए आंकड़ों से पता चला है कि 2014-2019 के दौरान, शिकायतों की संख्या ने 81.54 लाख की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया.

हालांकि डीओपीटी ने दावा किया है कि जनता की शिकायतों के निवारण में लगने वाले समय में भारी कमी आई है लेकिन उसने यह विवरण नहीं दिया कि क्या किसी भी मंत्रालय या विभाग के अधिकारियों को लोगों की शिकायतों को हल करने में देरी का दोषी पाया गया. इस बावत विवरण देने से विभाग ने इनकार कर दिया.

शिकायत के साथ निपटान की दर भी बढ़ी

आरटीआई से यह भी पता चलता है कि शिकायतों के बढ़ते प्रवाह के साथ इनके निपटान की दर भी बढ़ गई है. शिकायतों के निपटान में लगने वाला औसत समय भी पिछले छह वर्षों में कम हुआ है.

इन सूत्रों ने कहा कि हर शिकायत के निवारण में औसतन 1.4 दिन का समय लगता है. शिकायतों के निपटान की दर में जहां तेजी से वृद्धि हुई है तो शिकायतों को अस्वीकृत करने की दर भी तेजी से बढ़ी है.

वर्षवार प्राप्त शिकायतें और उनका निष्पादन वर्ष प्राप्त निष्पादित

वर्षप्राप्तनिष्पादित
200910803753090
2010139327117665
2011172649147068
2012201411168321
2013235621243406
2014301397285774
20151049749797466
201614831651262214
201718,66,12417,73,020
201815,86,41514,98,519
201918,67,75816,39,120

(स्रोत: डीओपीटी द्वारा दिया गया आधिकारिक आरटीआई जवाब)

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