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देश के 109 से अधिक रूटों पर प्राइवेट कंपनियां चलाएंगी ट्रेन, टेंडर प्रक्रिया शुरू

By भाषा | Updated: July 1, 2020 19:54 IST

यात्री रेल सेवाओं के लिए चुनी गई निजी कंपनियों को वास्तविक खपत के अनुसार निर्धारित ढुलाई शुल्क तथा बिजली शुल्क अदा करना होगा।

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ठळक मुद्देयात्री रेल परिचालन के लिए चुनी गई निजी कंपनियां ट्रेनों के वित्तपोषण, खरीद और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगी।निजी कंपनियों द्वारा संचालित ट्रेनों के गार्ड और चालक भारतीय रेलवे से होंगे।

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय रेलवे को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय रेलवे के करीब 109 रूटों पर प्राइवेट कंपनियां ट्रेनों का संचालन करेगी। 

बता दें कि यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही के लिहाज से 109 से अधिक मार्गों पर परिचालन के लिए निजी निवेश के वास्ते पात्रता अनुरोध (टेंडर प्रक्रिया) आमंत्रित किए गए। ये टेंडर प्रक्रिया भारतीय रेलवे की तरफ से आमंत्रिक किए गए हैं।

रेलवे का कहना है कि सवारी रेलगाड़ियों के संचालन में निजी कंपनियों की भागदारी की परियोजना में निजी क्षेत्र की ओर से करीब 30,000 करोड़ रूपये के निवेश की आवश्यकता होगी।

टेंडर प्रक्रिया में चुनी गई कंपनी बिजली शुल्क भरेगी एवं रखरखाव के लिए होगी जिम्मेदार-

इसके अलावा, यात्री रेल सेवाओं के लिए चुनी गई निजी कंपनियों को वास्तविक खपत के अनुसार निर्धारित ढुलाई शुल्क तथा बिजली शुल्क अदा करना होगा।

सरकार की ओर से रेलवे ने टेंडर में स्पष्ट किया है कि यात्री रेल परिचालन के लिए चुनी गई निजी कंपनियां ट्रेनों के वित्तपोषण, खरीद और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगी। 

हालांकि, रेलवे ने कहा है कि निजी कंपनियों द्वारा संचालित ट्रेनों के गार्ड और चालक भारतीय रेलवे से होंगे।

प्राइवेट कंपनी 218 ट्रेनों का परिचालन कर सकेगी-

सूत्रों ने बताया कि 12 क्लस्टरों में 109 मार्गों पर ‘अप’ और ‘डाउन’ मिलाकर 218 ट्रेनों का परिचालन निजी कंपनी को मिलेगा। इसके लिए उन्हें कम से कम 16 कोच वाली 151 आधुनिक ट्रेनें खरीदनी होंगी।

इसमें मेक इन इंडिया को प्राथमिकता की शर्त भी होगी। इस पहल से निजी कंपनियों द्वारा 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है।

भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन के सफल प्रयोग के बाद सरकार ने देश के इतिहास में पहली बार ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है।

निजी कंपनियों को 35 साल के लिए ट्रेनों के परिचालन का अधिकार दिया जायेगा।

 

टॅग्स :भारतीय रेलइंडियावंदे भारत एक्सप्रेस
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