नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' को आड़े हाथों लिया है। पीएम मोदी ने बिहार के भाजपा सहयोगियों से मुलाकात के दौरान बीते गुरुवार को कहा कि ये 'इंडिया' नहीं अहंकारी हैं, इन्हें तो 'घमंडिया' कहना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार के सहयोगियों को विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' से निपटने के लिए कई तरह के सुझाव दिये औऱ नई रणनीति के तहत जनता के बीच विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' को 'घमंडिया' कहकर प्रचारित करने का सुझाव दिया।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार विपक्षी गठबंधन ने बैंगलुरु बैठक के बाद जैसे ही अपना नाम 'इंडिया' घोषित किया, पीएम मोदी कई बार विपक्षी गुट पर हमला बोले चुके हैं। पीएम मोदी का आरोप है कि विपक्षी गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस बेहद चालाकी से 'इंडिया' के नाम पर यूपीए शासन के अपने बदनुमा दाग को साफ करने का प्रयास कर रही है।
पीएम मोदी ने बीते दिनों एक कार्यक्रम में कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था, "कांग्रेस ने गरीबों के खिलाफ बनाई गई अपनी योजना को छिपाने के लिए अपना नाम यूपीए से बदलकर 'इंडिया' रख लिया है। उन्होंने देशभक्ति के इरादे से नहीं बल्कि देश को लूटने के इरादे से 'इंडिया' नाम रखा है।"
पीएम मोदी ने 'इंडिया' पर हमला करते हुए यहां तक कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन का जिक्र करते हुए भाजपा ने विपक्षी गठबंधन को अपने पुराने लेबल यूपीए के नाम से बुलाने का फैसला किया है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने बैठक में इस बात पर भी जोर दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसद जाति-आधारित राजनीति से ऊपर उठे और समाज का नेता बनने का प्रयास करें।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा, "नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं थे क्योंकि उनके पास कम सीटें थीं लेकिन फिर भी बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। यह एनडीए की 'त्याग भावना' है।" इसके साथ ही पीएम मोदी ने बातचीत में अकाली दल का जिक्र करते हुए कहा कि वो अपने स्वार्थ के कारण एनडीए से बाहर चले गए।
मालूम हो कि पिछले महीने बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक में कुल 26 विपक्षी दलों ने आम चुनाव में 'इंडिया' के नाम से विपक्ष द्वारा पीएम मोदी और केंद्र की भाजपा नीत एनडीए सरकार को चुनौती देने का फैसला किया है। विपक्षी दलों का कहना है कि 'इंडिया' तले विपक्ष "भारत के विचार" के लिए उस लड़ाई के लिये तैयार है, जिसे मोदी सरकार ने बीते 9 सालों के कार्यकाल में नष्ट करने का काम किया है।
उस दौरान राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, "यह लड़ाई एनडीए और इंडिया के बीच है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के बीच है, उनकी (भाजपा की) विचारधारा और भारत के बीच है। आप जानते हैं कि जब कोई भारत के खिलाफ खड़ा होता है तो क्या होता है, किसकी जीत होती है।"