दिल्ली/पेरिस: फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फ्रांस से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया और दिल्ली में बाढ़ की गंभीर स्थिति पर चर्चा की। जानकारी के अनुसार पीएम मोदी से टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें राजधानी में यमुना के उफान और बाढ़ जैसी भयावह स्थिति के बारे में जानकारी दी।
बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने दिल्ली के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए अमित शाह को आवश्यक निर्देश दिये। वहीं अमित शाह ने पीएम मोदी को बताया कि अगले 24 घंटों में यमुना में जलस्तर कम होने की उम्मीद है।
दिल्ली की बाढ़ के बारे में पीएम मोदी के साथ हुई टेलिफोन वार्ता पर गृहमंत्री दफ्तर से ट्वीट करके कहा गया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण दिल्ली के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की।"
गृहमंत्री शाह ने पीएम मोदी को बताया कि राजधानी में अगले 24 घंटों में यमुना का जल स्तर कम होने की संभावना है और वह दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ बाढ़ की स्थिति पर लगातार कड़ी नजर बनाये हुए हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी को उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए दिल्ली में पर्याप्त संख्या में एनडीआरएफ टीमों की तैनात की गई हैं और बचाव और राहत अभियान चलाकर जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और खतरे या जलजमाव वाली जगहों पर लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।
मालूम हो कि उफनती यमुना नदी के पानी से गुरुवार को दिल्ली के कई हिस्से जलमग्न हो गए। जिसके कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और दिल्ली सरकार ने 16 जुलाई तक सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने और गैर-आवश्यक सेवाओं में लगे भारी माल वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
शुक्रवार को मिली ताजा जानकारी के अनुसार यमुना का जलस्तर सुबह 6 बजे घटकर 208.46 मीटर पर पहुंच गया लेकिन इसके बावजूद दिल्ली को रातह नहीं है क्योंकि बाढ़ का पानी लगातार खतरे के निशान 205.33 से ऊपर बना हुआ है। दिल्ली सरकार की ओर से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दिन-रात राहत कार्य जारी है और बीते गुरुवार को यमुना के निकटवर्ती इलाकों से 23,692 प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
दिल्ली में बाढ़ के कारण अब भी भयावह स्थिति बनी हुई है। यमुना के भारी उफान के कारण राजधानी की कई सड़कें नदियों में बदल गईं हैं। जिसके कारण यमुना के सीमावर्ति इलाकों के कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच गुरुवार को सचिवालय सहित दिल्ली की कई सड़कें बाढ़ के पानी में डूब गईं और कई इलाकों में बाढ़ के पानी से आम लोगों का जीवन हलकान बना रहा। शुक्रवार की सुबह में राजघाट के पास जलभराव हो गया। आईटीओ रोड पर भारी जलभराव देखने को मिला। बाढ के कारण नालों से पानी बैकफ्लो हो रहा है। गुरुवार की रात में बाढ़ का पानी सुप्रीम कोर्ट के करीब पहुंच गया और मथुरा रोड सहित भगवान दास रोड के कुछ हिस्से पानी में डूब गये।
दिल्ली सरकार ने बाढ़ की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करते हुए 16 जुलाई तक सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया और गैर-आवश्यक सेवाओं के भारी माल वाहनों का प्रवेश दिल्ली में प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं बाढ़ के कारण दिल्ली के तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला को बंद करना पड़ा है। जिसकी वजह से पीने के पानी की सप्लाई पर असर पड़ा है। दिल्ली सरकार की मानें तो वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने के कारण आपूर्ति में 25 फीसदी की भारी कटौती की गई है।
दिल्ली में लाल किले के पास बाहरी रिंग रोड, विश्वकर्मा कॉलोनी, यमुना बाजार, आईएसबीटी बस टर्मिनल, कश्मीरी गेट, शंकराचार्य रोड, मजनू का टीला, बटला हाउस, किरारी और किंग्सवे कैंप सहित कई अन्य क्षेत्र बाढ़ के पानी से जलमग्न थे। इस बीच दिल्ली नगर निगम ने बीते बुधवार को एक एडवाइजरी जारी करके दिल्ली के लोगों से अपील की कि वो अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट जाने से बचें। इतना ही नहीं यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण गीता कॉलोनी के श्मशान घाट को भी बंद कर दिया गया है।