राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आइसलैंड पहुंचे, पाकिस्तान ने नहीं दिया था हवाई रास्ता
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 9, 2019 12:58 PM2019-09-09T12:58:43+5:302019-09-09T12:58:43+5:30
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया के साथ भारत का सहयोग बनाए रखने तथा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उच्चस्तरीय शिष्टमंडल के साथ रवाना हो हुए हैं।’’
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद के साथ आइसलैंड पहुंच गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। राष्ट्रपति कोविंद आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की तीन देशों की यात्रा पर हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार रात आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की यात्रा पर रवाना हुए। इस दौरान वह तीनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत कर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया के साथ भारत का सहयोग बनाए रखने तथा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उच्चस्तरीय शिष्टमंडल के साथ रवाना हो हुए हैं।’’
राष्ट्रपति कोविंद 9-11 सितंबर से आइसलैंड में रहेंगे। वहां से वह स्विटजरलैंड जाएंगे और अंतत: 15 सितंबर को स्लोवेनिया पहुंचेंगे। वह 17 सितंबर को भारत लौटेंगे। इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की आइसलैंड की यात्रा के लिए उनके हवाई क्षेत्र से विमान को गुजरने देने संबंधी भारत के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है।
President Ram Nath Kovind and his wife Savita Kovind arrive at Iceland. President Kovind is on a three nation visit to Iceland, Switzerland and Slovenia. pic.twitter.com/ZTiEZQTvsc
— ANI (@ANI) September 9, 2019
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कुमार ने राष्ट्रपति की आइसलैंड की उड़ान के लिए अपने हवाई क्षेत्र का प्रयोग नहीं करने देने के पाकिस्तान के फैसले पर अफसोस जताया।
कुमार ने कहा, “हमें वीवीआईपी विशेष विमान को अपने हवाईक्षेत्र से न गुजरने देने के पाकिस्तान सरकार के फैसले पर अफसोस है क्योंकि सामान्यत: किसी भी देश द्वारा ऐसी मंजूरी प्रदान कर दी जाती है। हम पाकिस्तान से ऐसे एकतरफा कदमों की निरर्थकता का अहसास करने की अपील करते हैं।’’