नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 24 जून को नामांकन दाखिल करेंगी। मुर्मू ओडिशा की आदिवासी महिला नेत्री हैं और वे झारखण्ड की पूर्व राज्यपाल भी रह चुकी हैं। अगर द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति निर्वाचित होती हैं तो ये पहला मौका होगा जब एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति बनेंगी। हालांकि वे देश की पहली आदिवासी समाज से आने वाली महिला राज्यपाल भी बन चुकी हैं।
एनडीए के सहयोगी दलों ने मुर्मू के नाम पर सहमति व्यक्त की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए बुधवार को द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का स्वागत किया है। बिहार के सीएम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें फैसले की जानकारी देने के लिए फोन किया था।
आपको बता दें कि भाजपा ने मंगलवार को झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार के रूप में की। इसके बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, लोजपा (रामविलास) ने भी मुर्मू का पुरजोर समर्थन किया है।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को मयूरभंज की कुसुमी तहसील के उपरबेड़ा गांव में एक संथाल आदिवासी परिवार में हुआ था। उन्होंने भुवनेश्वर के रामादेवी महिला कॉलेज से कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले उन्होंने 1979 से 1983 तक ओडिशा सरकार में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में काम किया। 1994 में, वह श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर, रायरंगपुर में एक शिक्षिका के रूप में शामिल हुईं और 1997 तक संस्थान में सेवा करती रहीं।
राष्ट्रपति चुनाव का पूर्ण कार्यक्रम
आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है। 30 जून को नामांकन की जांच की जाएगी। इसके बाद 2 जुलाई नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि होगी। 18 जुलाई को मतदान होगा। जबकि 21 जुलाई को देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा।