Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुम्भ ने संपूर्ण मानवता को एकता, सौहार्द और आस्था का अद्भुत संदेश दिया है। विश्वभर से आए श्रद्धालु यहाँ से 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के भाव को आत्मसात कर लौटे हैं। 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान कर एक नया वैश्विक कीर्तिमान स्थापित किया है। 13 जनवरी को शुरू होकर 26 फरवरी को समाप्त हुआ। 45 दिन में 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। 15000 सफाईकर्मी ने 10000 किलोमीटर लंबे घाट की सफाई कर इतिहास रच दिया। परेड मैदान पर 1000 ई-रिक्शा संचालन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
10000 से अधिक लोगों ने 8 घंटे में हैंड पेंटिंग बनाकर कीर्तिमान कर डाला। 33 दिन तक रुद्री पाठ संहिता का 11151 बार पाठ हुआ। 26 लाख से ज्यादा बार रुद्री पाठ हुआ। त्रिवेणी संगम के पावन तट पर श्रद्धा और भक्ति का महासंगम संपन्न हुआ, जहां हर मन शिवमय हो उठा और हर कण में गूंज रहा है, हर-हर महादेव!
भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक 'महाकुम्भ 2025, प्रयागराज' में 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम के पवित्र जल में आस्था के साथ स्नान किया है। यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल भारत की धार्मिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह आस्था, विश्वास और एकता का अद्भुत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
आज से महाकुम्भ का यह आयोजन संपन्न हो रहा है, लेकिन इसके आशीर्वाद और पुण्य के प्रभाव हम सभी के जीवन में लंबे समय तक बने रहेंगे। यह महाकुम्भ हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने का एक और महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता रहेगा। पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की पावन डुबकी लगाने वाले समस्त श्रद्धालुओं का वंदन व अभिनंदन!
सरकार ने 1,800 एआई कैमरों समेत 3,000 से अधिक कैमरों, ड्रोन और 60,000 कर्मचारियों के हवाले से श्रद्धालुओं की सही संख्या बताने की बात कही। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘श्रद्धालुओं की संख्या का मिलान करने के लिए एआई कैमरों के साथ ही हम रोडवेज, रेलवे और हवाईअड्डे के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में रहे।’’
महाकुम्भ में बना एक और विश्व कीर्तिमान
महाकुम्भ के समापन के अवसर पर, 108 लोगों ने 108 मिनट में पेंटिंग्स बनाकर न केवल कला का अनोखा प्रदर्शन किया, बल्कि भारतीय संस्कृति और समृद्धि को भी नया आयाम दिया। इस ऐतिहासिक पहल ने दिखा दिया कि जब कला और एकता का संगम होता है, तो वह इतिहास रचता है।
महाकुंभ मेले में अग्निशमन विभाग ने आग की घटनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभाई और आग लगने की सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई किए जाने से जनहानि की एक भी सूचना नहीं आई। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 37,000 पुलिसकर्मी, 14,000 होमगार्ड के जवान तैनात रहे। इसके अलावा, तीन जल पुलिस थाने, 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम और 50 ‘वाच टावर’ स्थापित किए गए थे।
महाकुंभ में आने वाले अति विशिष्ट लोगों में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल, ब्रिटेन के रॉक बैंड कोल्डप्ले के क्रिस मार्टिन प्रमुख रूप से शामिल थे। इनके अलावा, सोशल मीडिया के चर्चित चेहरों में हर्षा रिछारिया, माला बेचने वाली युवती मोनालिसा भोसले और ‘आईआईटी बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह ने भी इस मेले में सुर्खियां बटोरी। महाकुंभ के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से ही गंभीर रही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 45 दिनों में 10 बार महाकुंभ नगर आकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके अलावा, उन्होंने लखनऊ और गोरखपुर में नियंत्रण कक्ष से मेले पर पैनी नजर रखी। मुख्यमंत्री महाकुंभ के औपचारिक समापन की घोषणा करने बृहस्पतिवार को यहां आने वाले हैं।