दिल्ली प्रदूषण: प्रकाश जावड़ेकर का केजरीवाल पर तंज, '1500 करोड़ विज्ञापनों पर खर्च करने के बजाय किसानों को देते'
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 2, 2019 12:43 PM2019-11-02T12:43:00+5:302019-11-02T13:03:46+5:30
Prakash Javadekar: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि इस समस्या का समाधान तलाशने के बजाय उनका आरोप लगाने का खेल करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
एएनएई के मुताबिक, जावड़ेकर ने कहा, 'ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम (अरविंद केजरीवाल) प्रदूषण को कम करने का उपाय खोजने के बजाय आरोप लगाने का खेल कर रहे हैं। अगर दिल्ली सरकार 1500 रुपये विज्ञापनों पर खर्च करने के बजाय पंजाब और हरियाणा के किसानों को देती, तो ये ज्यादा फायदेमंद होता।'
Union Environment&Climate Change Minister, P Javadekar: I think it's unfortunate that a CM instead of finding solutions to mitigate pollution is into blame game. Instead of spending Rs1500 cr on ads, if Delhi govt gives it to farmers of Punjab&Haryana, it will be more beneficial. pic.twitter.com/BOmrBjzhx4
— ANI (@ANI) November 2, 2019
जावड़ेकर ने कहा, 'प्रदूषण से निपटने के लिए सबको साथ आने की जरूरत'
इससे पहले शुक्रवार को भी जावड़ेकर ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था। केजरीवाल पर प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए जावड़ेकर ने कहा, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रदूषण का राजनीतिकरण कर रहे हैं और आरोप-प्रत्यारोप के खेल में शामिल हो गए हैं।'
जावड़ेकर ने कहा, 'दिल्ली सरकार ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के लिए 3500 करोड़ रुपये नहीं दिए, जिससे दिल्ली का प्रदूषण कम हो सकता था।'
उन्होंने कहा, 'अगर हम एकदूसरे को दोष देते रहेंगे तो कई चीजें सामने आएंगी। लेकिन लोगों को प्रदूषण से राहत दिलाना हर किसी की जिम्मेदारी है। मैं अपील करता हूं कि हरियाणा और पंजाब और एकदूसरे पर दोषारोपण के बजाय, प्रदूषण से निपटने के लिए सभी 5 राज्यों को साथ में बैठकर चर्चा करनी चाहिए।'
दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से छाई धुंध की चादर से राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। शुक्रवार को कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक के 500 के स्तर को पार कर जाने के बाद दिल्ली-एनसीआर में पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी घोषित करनी पड़ी।