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निशिकांत दुबे के ‘फर्जी डिग्री’ मामले में जवाब दाखिल करने के लिए पुलिस को मिला अदालत से अंतिम मौका

By भाषा | Updated: July 1, 2021 22:15 IST

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रांची, एक जुलाई झारखंड उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दूबे के कथित फर्जी डिग्री मामले में पुलिस और शिकायतकर्ता को अपना जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया तथा सांसद के खिलाफ किसी भी प्रकार की उत्पीड़क कार्रवाई पर लगायी गयी रोक को कायम रखते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि वह सांसद को बेवजह परेशान न करे।

न्यायमूर्ति एस के द्विवेदी की पीठ ने इस फर्जी डिग्री विवाद मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए पुलिस को निर्देश दिया है कि वह सांसद को बेवजह परेशान न करे। पीठ ने इस मामले में अंतिम मौका देते हुए पुलिस और शिकायतकर्ता से दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

ज्ञातव्य है कि जुलाई 2020 में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) एवं स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा सांसद पर दिल्ली विश्वविद्यालय से मैनेजमेंट की फर्जी डिग्री प्राप्त करने के आरोप लगाये थे और इस मामले में देवघर में विष्णुकांत झा नामक एक व्यक्ति ने सांसद के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी जिसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर उनके खिलाफ जांच प्रारंभ की थी।

दूबे ने सात दिसंबर, 2020 को झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर इस मामले में देवघर में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी। इस संबंध में राज्य सरकार एवं शिकायतकर्ता को कई बार नोटिस जारी होने के बावजूद अबतक उच्च न्यायालय में जवाब नहीं दाखिल किया गया है।

आज न्यायालय ने पूर्व में सांसद को दी गयी अंतरिम राहत बरकरार रखी जिसके तहत पीठ ने सांसद के खिलाफ किसी प्रकार की उत्पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई थी। इसकी अवधि बढ़ाते हुए पीठ ने कहा कि पुलिस इस मामले में सांसद को बेवजह परेशान न करे।

आज की सुनवाई के दौरान सांसद के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पीठ को बताया कि यह मामला फर्जी आरटीआई से शुरु हुआ। उनके खिलाफ विष्णुकांत झा नामक व्यक्ति ने देवघर में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि उनकी एमबीए की डिग्री फर्जी है।

वर्ष 2020 में 28 जुलाई को झामुमो के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर यह बताया गया कि दिल्ली विश्वविद्यालय से जारी उनकी एमबीए की डिग्री फर्जी है और इसकी पुष्टि दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी की है। दूबे ने पुलिस के पास प्रताप विश्वविद्यालय, जयपुर से एमबीए करने के प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज सौंपे हैं। फिर भी इस मामले में पुलिस कथित रूप से उन्हें परेशान कर रही है।

सांसद की ओर से न्यायालय को बताया गया कि इसके अलावा फर्जी आरटीआई मामले में गोरखपुर में मामला दर्ज कराया गया है तथा इस प्रकार लगातार इस मामले में सरकार की ओर से उच्च न्यायालय से समय की मांग की जा रही है। दुबे के अनुसार झा पर ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और राजनीति से प्रेरित होकर वह जमीन सहित अन्य मामलों में सांसद के खिलाफ शिकायत करता है।

सांसद के पक्ष को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और शिकायतकर्ता से इस मामले में एक बार फिर से जवाब मांगा है और अपना जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें अंतिम अवसर दिया गया है। अब इस मामले में तीन सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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